हैदराबाद। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी तालिबे-इल्म रोहित वेमुला सुसाइड मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। रोहित का हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जनरल कोटे में मैरिट के तहत दाखिला हुआ था, लेकिन उसने अपने एडमिशन फॉर्म में खुद को एससी का बताया था।
मामले की तहक़ीक़ात करने वाले एक पुलिस अफ़्सर के हवाले से बताया गया है कि रोहित ने अपने दलित (एससी) होने का कोई सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी को नहीं दिया था। हालांकि उसे ये सबूत देने की भी कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि उसका दाखिला कोटे के तहत नहीं हुआ था।
पुलिस अफ़्सर ने जब तदफ़ीन से पहले ये जानने की कोशिश की कि रोहित वेमुला किस कम्यूनिटी से है, तो उसके अंकल ने बताया कि उसके वालिद वाडेरा कम्यूनिटी से हैं ये । ये कम्यूनिटी स्टोन कटर के नाम से पहचाना जाता है और ये जुनूबी हिन्दुस्तान में फैला हुआ है। ये एससी कम्यूनिटी में नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश में पसमांदा ज़ात में शामिल होता है। रोहित वेमुला आंध्र प्रदेश के गुंटूर का रहने वाला था।