सोनभद्र। सत्संग और कथा में मन की सादगी और इंसानियत का पाठ तो खूब पढ़ाते हैं। लेकिन जब बात खुद के मन को साफ़ करने की आए तो धर्म के ये ठेकेदारों की सच्चाई सामने आने में वक़्त नहीं लगता.
आज कुछ ऐसा ही हुआ सोनभद्र जिले के आदिवासी चोपन गड़इहीड गांव में, जहां सप्तदिवसीय संगीतमय कार्यक्रम में जब एक साध्वी को दलित के बच्चे द्वारा राम का किरदार निभाना नागवार गुज़रा.
मामला कुछ यूँ है कि श्रीमद् रामकथा समापन वाले दिन राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथावाचिका देवी राजराजेश्वरी ने राम कथा में भगवान राम के सबरी के झूठे बेर खाने की कथा को सुनाया.
लेकिन थोड़ी देर बाद जब साध्वी को यह पता चला कि झांकी में बना राम एक दलित है तो आपत्ति जातते हुए शास्त्र के विरुद्ध ही बता दिया।
हालाँकि इस हरकत पर वहां मौजूद लोगों ने आपत्ति जताई और साध्वी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में राजराजेश्वरी का कहना है, ‘शास्त्रों में लिखा है कि भगवान राम का पात्र बनने के लिए उच्च जाति का होना जरूरी है।’