दहशतगर्दों का सफ़ाया करने मुतबादिल तरीक़ा दरकार, पाकिस्तान का तास्सुर

शुमाली वज़ीरस्तान में एक अमेरीकी ड्रोन हमले के चंद घंटों में वज़ीर-ए-आज़म राजा परवेज़ अशर्फ़ ने आज सी आई ए के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम जासूस तय्यारों की इस मुहिम पर पाकिस्तान की मुख़ालिफ़त का इज़हार किया और कहा कि दोनों फ़रीक़ों को दहशतगरदों का सफ़ाया करने के मुतबादिल तरीक़े तलाश करने चाहिऐं।

अशर्फ़ ने शुमाली वज़ीरस्तान में एक कमपाउंड पर आज के हमले के पस-ए-मंज़र में ड्रोन हमलों का मसला उठाया जब अमेरीकी सफ़ीर रिचर्ड औलसन ने वज़ीर-ए-आज़म से आज सुबह उन की सरकारी क़ियामगाह पर मुलाक़ात की। ये वज़ीर-ए-आज़म से औलसन की पहली ख़ैरसिगाली मुलाक़ात है, जिन्होंने अमेरीकी क़ासिद की हैसियत से हाल ही में जायज़ा हासिल किया है।

दफ़्तर वज़ीर-ए-आज़म के जारी करदा एक बयान में कहा गया कि वज़ीर-ए-आज़म ने ड्रोन हमलों के बारे में अपनी तशवीश ज़ाहिर करते हुए कहा कि ये माने पेशरफ़्त हैं और हमें दहशतगरदों को ख़त्म करने के लिए मुतबादिल वसाइल तलाश करने होंगे।

सी आई ए की ड्रोन मुहिम हालिया महीनों में अमेरीका पाकिस्तान रवाबित में एक बड़ी उलझन बन कर उभर आई है। पाकिस्तानी हुक्काम ने इस मुहिम की साबिक़ सदर परवेज़ मुशर्रफ़ के दौर में हिमायत की थी और फिर मौजूदा पी पी पी ज़ेर क़ियादत हुकूमत ने भी इब्तिदा में ताईद की थी।

ताहम अवाम और कट्टर पसंद ग्रुपों की जानिब से सख़्त मुख़ालिफ़त ने हुकूमत को ड्रोन हमलों पर नज़रेसानी के लिए मजबूर किया है।