एक ओहदेदार ने नाम ज़ाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि ये तजावीज़ अभी इबतिदाई मराहिल में हैं और अगर उनमें से कोई मंज़ूर भी हो जाए तो अमरीकी फ़ौज की तैनाती में कई हफ़्ते या माह लग सकते हैं।
अमरीका दाइश के ख़िलाफ़ जंग में तेज़ी के लिए शाम में क़लील तादाद में स्पेशल ऑप्रेशन फ़ोर्सेस और इराक़ में हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल पर ग़ौर कर रहा है। सदर बराक ओबामा मशरिक़े वुस्ता की ग़ैर मक़बूल जंगों में अमरीकी फ़ौज भेजने के सख़्त ख़िलाफ़ हैं मगर वो अपने अह्द सदारत के आख़री दौर में इन तजावीज़ पर ग़ौर कर सकते हैं।
ओबामा इंतेज़ामीया पर, ख़ुसूसन मई में इराक़ के शहर रमादी पर दाइश के क़ब्ज़े और शाम में बाग़ीयों को तर्बीयत फ़राहम करने के अमरीकी प्रोग्राम की नाकामी के बाद, दबाव बढ़ा है कि वो इलाक़े में अपनी कार्यवाहीयां तेज़ करे।
दो अमरीकी ओहदेदारों ने नाम ज़ाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि इराक़ और शाम दोनों में अमरीकी फ़ोर्सेस मख़सूस और महदूद फ़ौजी मक़ासिद के लिए तैनात की जाएँगी।