दारुल हुकूमत में कहीं नहीं दिखा बंद का असर

आदिवासी-मूलवासी अवामी तंजीमो का एतवार का झारखंड बंद पूरी तरह फ्लॉप रहा। दारुल हुकूमत में तो बंद का असर कहीं नहीं दिखा। बंद के बावजूद अवामी ज़िंदगी आम रहा। पहले की तरह ही ऑटो, बसें व दीगर प्राइवेट गाड़ी चले। लंबी दूरी की कुछ बसें नहीं चलीं। अल्बर्ट एक्का चौक वाकेय फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानें भी आम दिनों की तरह खुली रहीं। कहीं से भी बंद हिमायत बंद कराने के लिए नहीं निकले।

एहतियात के तौर पर बंद हिमायतों से निपटने के लिए कई जगह पुलिस बल की इजाफ़ी टुकड़ियां तैनात की गई थीं। बंद हिमायत तंजीमो के अगुआ रांची में नजर नहीं आए। तमाम अपने हिमायतों के साथ रांची के आसपास इलाकों में बंद कराने के लिए गए। तीन बंद हिमायतों को शाम तक हाजत में रखा गया।

दलालों का बंद नाकामयाब : बंधु

मांडर के साबिक़ एमएलए बंधु तिर्की ने कहा कि दलालों और आदिवासी वोट बेचनेवालों का झारखंड बंद पूरी तरह नाकामयाब रहा। अवाम ने गुमराह करनेवालों का साथ नहीं दिया। उन्होंने रघुवर दास को वजीरे आला बनने पर मुबारकबाद दी। कहा, कि अपने इक्तिदार मुद्दत में अक़लियत, आदिवासी-मूलवासी मुफाद का जेहन रखें। जब तक आप यहां के लोगों के मुफाद के बारे सोचेंगे हम लोगों की मुबारकबाद मिलती रहेगी। जहां आप झारखंडी के खिलाफ काम करेंगे, हम दोबारा सड़क पर उतरकर आपका मुखालिफत करेंगे।