रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुध को रांची में पाने के जराये के क़ब्ज़ा को लेकर खुद नोटिस से दर्ज अवामी मुफाद दरख्वास्त पर सुनवाई करते हुए रियासती हुकूमत से जवाब-तलब किया। पूछा कि रांची में पानी बोहरान दूर करने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं। लोगों को कैसे बाकायदा पानी देंगे। 100 मिलियन लीटर रोजाना पानी की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है। रांची में पिने के पानी का बोहरान संगीन है। कुछ इलाकों में राशनिंग कर पानी सप्लाय की जा रही है। 35 सालों के बाद रांची में पानी की जरूरत कैसे पूरी करेंगे। पानी के जराये की गहराई बढ़ायें, कैचमेंट एरिया में इजाफा करें। नये जराये की इमकानात पर सरकार गौर करे। साथ ही पानी बचाने के लिए लोगों के दरमियान मुहीम चलाया जाये।
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए रियासती हुकूमत के जवाब पर नाराजगी जतायी। कहा कि अदाद सही नहीं हैं। कांके डैम, हटिया डैम व रुक्का डैम में कितना पानी मौजूद है, इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही है। बेंच ने जल वसायल महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को हलफ़ दायर कर छोटे और बड़े मंसूबों की तौसिह जानकारी देने की हिदायत दिया। रोजाना की जरूरत व पानी के जराए में कितना पानी मौजूद है, इसकी जानकारी भी देने को कहा। बेंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख मुक़र्रर की।