नई दिल्ली: “World Yoga Day” को लेकर मचे हंगामे के बीच मुसलमानों की सबसे बडी इदारा दारूल उलूम ने अब “World Yoga Day” की हिमायत की है दारूल उलूम ने कहा है कि योग को किसी तरह के मजहब से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए। इसके खिलाफ किसी तरह का फतवा भी नहीं जारी करना चाहिए। योग (Yoga) एक कसरत है। “World Yoga Day” 21 जून को किया जाना है।
आपको बता दें कि दारूल उलूम मुस्लिम तालीमी इदारा है और और इसे इस्लाम की तालीम के लिए जाना जाता है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में इस इदारे के ओहदेदारो ने कहा कि योग कसरत का एक हिस्सा है और इसे किसी ,मज़हब के साथ नहीं जोडा जाना चाहिए। इस्लामी इदारा ने यह भी कहा कि उसकी ओर से ऐसा कोई फतवा जारी नहीं किया गया है, जो मुस्लिमों को योग करने से रोकता हो।
इस बीच, मुस्लिमों के एक टीम ने जुमेरात के रोज़ मरकज़ी रियासती वज़ीर और भाजपा लीडर श्रीपद येशो नाइक से मुलाकात की और योग के प्रोग्राम को अपना पूरी हिमायत देने की बात कही। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में भाजपा लीडर ने कहा कि मुस्लिम नुमाइंदो ने “”World Yoga Day” प्रोग्राम में शामिल होने के लिए अपना पूरी ताईद की दारूल उलूम के तरजुमान ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि वह सूर्य नमस्कार की ताईद बिल्कुल नहीं करते। इस्लाम में सिर्फ अल्लाह का सजदा करने की बात कही गई है इसलिए सूर्य नमस्कार की ताईद और सजदा हम नहीं कर सकते, लेकिन योग से कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते इसे एक कसरत के तौर पर किया जाए।
योग को सियासत और ताकत के लिए अगर इस्तेमाल किया जाएगा तो यकीनी तौर पर मुस्लिमों को तकलीफ होगी । सरकार के Yoga Day मनाने पर उन्होंने कहा कि किसी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को योग करने में कोई दिक्कत नहीं है तो वह करे, लेकिन योग किसी पर जबरदस्ती नहीं थोपा जाना चाहिए।
इसके पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था योग को मज़हब से जोडे जाने का एहतिजाज करेंगे। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने योग, सूर्य नमस्कार और गीता पाठ को लेकर उसके ऐतराज़ पर मरकज़ी वज़ीर मुख्तार अब्बास नकवी के तल्ख बयान को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा कि इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और के लिए सजदा करना गुनाह है।