दाख़िली सलामती की सूरत-ए-हाल के नतीजा में हुकूमत के तरक़्क़ियाती प्रोग्राम्स खराब होने जैसे इल्ज़ामात का नोट लेते हुए वज़ीर दाख़िला राजनाथ सिंह ने आज सेक्यूरिटी एजंसियों के सरबराहान और नीम फ़ौजी दस्तों से कहा कि वो फ़ौरी तौर पर मुल्क में दाख़िली सलामती के ढांचा को मजबूत करने के लिए एक हिक्मत-ए-अमली तय्यार करें।
वज़ीर दाख़िला ने आज एक इजलास किया जिस में क़ौमी सलामती के मुशीर अजीत दोवाल इंटलीजेंस ब्यूरो और दूसरी एजंसियों के सरबराहान ने शिरकत की। इजलास में राज नाथ सिंह ने सेक्यूरिटी सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया और उनसे कहा कि वो इस बात को यक़ीनी बनाएं कि तेज़ रफ़्तार तरक़्क़ी के लिए बेहतर सलामती माहौल तय्यार होसके।
इसके लिए एक मंसूबा तय्यार किया जाना चाहिए। सिंह ने इजलास में कहा कि तरक़्क़ी के लिए ज़रूरी है कि बेहतर सेक्यूरिटी माहौल फ़राहम किया जाये और हुकूमत ऐसा करने के ताल्लुक़ से संजीदा है। इजलास में इंटलीजेंस के सरबराह आसिफ़ इब्राहीम रिसर्च एंड अनालाइज़नग विंग ( रा ) के सरबराह आलोक जोशी और नीम फ़ौजी दस्तों के सरबराहान ने भी शिरकत की।
वज़ारत-ए-दाख़िला की ज़िम्मेदारी सँभालते हुए राज नाथ सिंह ने अपने ओहदेदारों से कहा था कि वो दाख़िली सलामती को बेहतर बनाने के लिए मुनफ़रद मंसूबे तय्यार करें और मर्कज़-ओ-रियासत के माबेन ताल्लुक़ात को बेहतर भी बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया था। उन्होंने कहा था कि इन मंसूबों में पड़ोसी ममालिक के साथ सरहदी तनाज़आत को क़ौमी मुफ़ादात पर किसी तरह का समझौता किए बगैर हल करने का फ़ार्मूला भी शामिल रहना चाहिए।
उन्होंने वज़ारत-ए-दाख़िला में अहम काम अंजाम देने वाले यूनिटों जैसे दाख़िली सलामती नक्सलाइट मनिजमेंट मर्कज़ रियासत ताल्लुक़ात जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाल मशरिक़ के ज़िम्मेदार डवीज़ंस को इत्तिलाआत फ़राहम करने की भी हिदायत दी थी।