दिनी तालीम की क़दर करने तलबा को तलक़ीन

मौलाना मुफ़्ती राशिद आज़मी ने ख़िताब करते हुए कहा कि मदारिस उल्लाह ताआला की नेअमतों में से एक नेअमत है, मदारिस को मुहब्बत की नज़र से देखें, मुदर्रिसे में पढ़ने वाले तलबा रसूल स०अ०व० के मेहमान हैं उनकी क़दर करें, उनकी ज़रूरीयात की फ़िक्र करें और तलबा से कहा कि तलबा अल्लाह ताआला का शुक्र अदा करें कि अल्लाह ताआला ने आप को दिनी तालीम के लिए चुना है।

उन्होंने कहा कि जो कोई दीनी तालीम हासिल करने के लिए निकलता है फ़रिश्ते इस के पैरों के नीचे पर बिछाते हैं। उन्होंने तलबा से कहा कि दीनी तालीम की क़दर करें, मुदर्रिसा की क़दर करें और अपने असातिज़ा की इज़्ज़त करें और ख़ूब मेहनत से पढ़ें।

ज़िम्मेदारों से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि मुदर्रिसे की ज़रूरत को अपनी ज़रूरत समझें, अवाम से अपील की के मुदर्रिसा ज़रे तामीर है मुदर्रिसा का तआवुन फ़रमाएं। मुफ़्ती अबदुल्लाह अलमारोक़ी ने ख़िताब करते हुए कहा कि मदारिस दिन के क़िले हैं, क़ुरआन अल्लाह ताआला की किताब है, मदारिसे से ताल्लुक़ रखा जाये। मुफ़्ती साहिब ने मुदर्रिसे को देख कर बड़ी ख़ुशी का इज़हार किया और कहा कि इतनी कम मुद्दत में इतना सारा काम हुआ है ये ज़िम्मा दारान मुदर्रिसा की महन्तों की खुली निशानी है। इस के बाद दोनों हज़रात ने तामीरी काम पर जाकर दुआ की।