नाबालिग़ मुल्ज़िम हबस-ए-बेजा और डाका ज़नी के इल्ज़ामात में मुजरिम साबित
नई दिल्ली 19 जुलाई (पी टी आई) बच्चों से इंसाफ़ के बोर्ड ने नाबालिग़ मुल्ज़िम को हबस-ए-बेजा और 16 दिसम्बर की रात को बढ़ई को लूट लेने का मुजरिम क़रार दिया। बादअज़ां 16 दिसम्बर की रात इस ने मुबय्यना तौर पर चलती बस में 23 साला लड़की की इजतिमाई इस्मत रेज़ि में शामिल था।
बढ़ई रामाधर को ईसी बस में सवार होने की तरग़ीब दी गई थी जिस में लड़की और इसका ब्वॉय फ्रैंड जुनूबी दिल्ली से सवार हुए थे। इस्तिग़ासा के ज़राए के बमूजब बच्चों से इंसाफ़ बोर्ड के मुक़द्दमे की समाअत परनसपाल मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोविल ने नाबालिग़ लड़के को दफ़ा 395 (डकैती), 342 (हबस-ए-बेजा) और 412 (बददियानती से डकैती में लौटा हुआ माल हासिल करना) क़ानून-ए-ताज़ीराते हिंद की दफ़आत के तहत आइद इल्ज़ामात से बरी कर दिया।
बोर्ड ने 25 जुलाई को सज़ा का ऐलान किया था और उसी दिन इस ने दूसरे मुक़द्दमे की जो नियम तिब्बी तालिबा की इजतिमाई इस्मत रेज़ि का एक और मुक़द्दमा उस लड़के के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया था जिस की 16 दिसम्बर की रात 6 अफ़राद ने चलती बस में इजतिमाई इस्मत रेज़ि की थी। 29 दिसम्बर को सिंगापुर हॉस्पिटल में लड़की के फ़ौत हो जाने के बाद क़त्ल का मुक़द्दमा दर्ज करलिया गया था।
नाबालिग़ लड़के के अलावा 4 बालिग़ मर्द मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के ख़िलाफ़ ख़ुसूसी तेज़ गाम अदालत में मुक़द्दमा जारी है। पांचवें और कलीदी मुल्ज़िम राम सिंह के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा 11 मार्च को उसकी मौत के बाद बंद कर दिया गया। उसकी नाश तिहाड़ जेल में इस के कमरे में फांसी पर लटकी हुई दस्तयाब हुई थी।
दीगर 4 मुल्ज़िमीन, बढ़ई रामाधर को लूट लेने के इल्ज़ाम में भी मुक़द्दमे का सामना कररहे हैं। तहक़ीक़ात के दौरान नाबालिग़ मुल्ज़िम ने तमाम इल्ज़ामात की तरदीद करते हुए दावा किया था कि वो इस घिनौने जुर्म में शामिल नहीं है। यूपी के मुतवत्तिन ने कहा था कि वो 11 साल की उम्र में दिल्ली मुंतक़िल हुआ था और छोटे मोटे काम कररहा था। मुक़द्दमे के दौरान वकील सफ़ाई ने इद्दिआ किया था कि लड़के के ख़िलाफ़ कोई तिब्बी शहादत मौजूद नहीं है।