दिल्ली पुलिस ने अगस्त में हुए पुने सिलसिला वार बम धमाकों का केस हल करने का दावा किया है। इसका ये भी दावा है कि दिल्ली और बोध गया में दहशतगर्द हमले को नाकाम बनाया गया है।
आने वाले दिनों में त्योहारो के दौरान ममनूआ इंडियन मुजाहिदीन के कारकुन ( कार्यकर्ता) दहशतगर्द हमला करने वाले थे। पुलिस ने ये भी दावा किया है कि इस ने तीन मुश्तबा इंडियन मुजाहिदीन के दहशतगर्दों को गिरफ़्तार कर लिया है।
8 जून को यरोडा जेल में अपने साथी और इंडियन मुजाहिदीन के रुकन ( सदस्य) क़तील सिद्दीक़ी के क़त्ल का इंतिक़ाम ( बदला) लेने के लिए उन्होंने पूने में बम धमाके किए थे। इबतदा (शुरू) में उन्होंने मुंबई या उस जेल को निशाना बनाने का मंसूबा ( संकल्प/ योजना) बनाया था लेकिन बादअज़ां ( इसके बाद) मंतक़ी (आखिरी) वजूहात के बाइस ( कारण) मंसूबा (योजना) को बदल दिया गया।
दिल्ली पुलिस कमिशनर नीरज कुमार ने यहां प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब ( संबोधित) करते हुए कहा कि असद ख़ान 33 साला जो इंडियन मुजाहिदीन के मक़ासिद-ओ-नज़रियात को फ़रोग़ (प्रकाश) देने के लिए भर्ती अंजाम दे रहा था और इमरान ख़ान (1 साल) को जुनूबी दिल्ली में प्रहलाद पुर में इसके ठिकाने से 26 सितंबर को गिरफ़्तार किया गया था और 38 साल हसीद फ़िरोज़ को पाँच दिन बाद निज़ाम उद्दीन रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया गया।
असद ख़ां कम्पयूटर का माहिर है। इसने कम्पयूटर में डिप्लोमा हासिल किया है। इन लोगों को मुबय्यना ( कथित) तौर पर इस तंज़ीम ( संस्था) के आला ( उच्च) क़ाइदीन ( लीडर) रियाज़ और इक़बाल भटकल हिदायत दे रहे थे। इन के क़बज़ा से पाँच किलोग्राम धमाको अशीया ( विष्फोटक सामग्री) , 10 डेटोनेटर्स और दीगर अशीया ( सामग्री) बरामद की गई थी।
नीरज कुमार ने मज़ीद कहा कि इन लोगों ने आने वाले दशहरा , ईद और दीवाली त्योहारों के दौरान दिल्ली में हमले करने का मंसूबा बनाया था। इस के इलावा बोध गया में एक मंदिर पर भी हमले का इरादा रखते थे। हम ने इन गिरफ़्तारी के साथ ही दहशतगर्द हमले को नाकाम बनाया है।
तहक़ीक़ात के दौरान अबू जंदाल ने मुल्क में दहशतगर्द हमलों से मुताल्लिक़ मालूमात फ़राहम किए थे। 26/11 के असल कारिंदा अबू जंदाल को सऊदी अरब से इख़राज (बहिष्कार) के फ़ौरी ( फरन) बाद जून में गिरफ़्तार किया गया था। इससे पूछगिछ के दौरान तमाम बातें सामने आई हैं।
महाराष्ट्रा में बेड़ के मुतवत्तिन (निवासी) फैयाज़ अहमद क़ाज़ी से पूछगिछ ( पूछताछ) की गई थी। इसने बताया था कि भटकल के मुताबिक़ फैयाज़ अहमद क़ाज़ी ही गिरफ़्तार शूदा मज़कूरा ( उक़्त) बाला तीन दहशतगर्दों को हिदायात दिया करता था। ये भटकल ही था जिस ने इन तीनों के लिए रहने का बंद-ओ-बस्त करने राजू भाई से ख़ाहिश की थी।
पुलिस ने राजू भाई और दीगर ( अन्य) दो के स्कैच्स तैयार किए हैं जो पुने सिलसिला वार बम धमाकों में मतलूब ( मिला हुआ) है। इंडियन मुजाहिदीन को हवाला के ज़रीया माली इमदाद (मदद/ सहायता) मिलती है। बैरूनी ( विदेशी) मुल्कों में मुक़ीम ( निवासी) हवाला आपरेटर्स इंडियन मुजाहिदीन के कारिंदों को रक़ूमात सरबराह (पैसो / पूँजी की व्यवस्था) करते हैं। इक़बाल और रियाज़ भटकल की हिदायत के बाइस (वजह से/ कारण) ही ये तीनों दिल्ली पहुँचे थे।