फर्जी डिग्री के इल्ज़ाम में फंसे दिल्ली के साबिक़ कानून वज़ीर जितेंद्र सिंह तोमर पर भागलपुर के तिलका मांझी यूनिवर्सिटी में तालिबे इल्म ने स्याही फेंकी है। इससे पहले तालिबे इल्म ने तोमर पर अंडे और टमाटर फेंके थे। कुछ लोगों ने तोमर पर हमला करने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। तोमर का मुखालिफत करने वाले लोगों का कहना है कि आप लीडर ने उनकी यूनिवर्सिटी को बदनाम किया है। इस दरमियान, दिल्ली पुलिस तोमर को भागलपुर लेकर पहुंची। भागलपुर यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे के साथ बातचीत कर रही है। इससे पहले तोमर को दिल्ली पुलिस मुंगेर ले गई थी। विश्वनाथ सिंह कानून अदारा, मुंगेर में दिल्ली पुलिस की पूछताछ में दिल्ली के साबिक़ कानून वज़ीर जितेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उन्हें नाम के आगे वकील लिखने का शौक था, इस वजह से ऐसा गुनाह कर बैठे। तोमर ने लाइब्रेरी की शिनाख्त की है। तोमर ने कहा कि मुंगेर के एक वकील दोस्त के कहने पर उन्होंने यहां दाखिला कराया। वह खुद इम्तिहान देने आते थे।
पुलिस ने कॉलेज को बना दिया छावनी
दिल्ली पुलिस की एक टीम ने जुमेरात को कॉलेज से जो सुबूत जुटाए थे, उसी की बुनियाद पर पूछताछ हुई। इस दौरान कॉलेज के प्रिन्सिपल आरके मिश्रा व दीगर मुलाज़िम कॉलेज में मौजूद रहे। सख्त सेक्युर्टी के चलते लॉ कॉलेज छावनी में तब्दील हो गई है।
मुंगेर पहुंचते ही तोमर की तबीयत हो गई खराब
फर्जी डिग्री मामले में सुबूत जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम मुंगेर पहुंची तो तोमर की तबीयत बिगड़ गई। पूछताछ के चलते तोमर की तबीयत खराब होने की बात कही जा रही थी। सदर अस्पताल में इलाज के बाद उन्हें मुंगेर के विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज ले जाया गया।
कॉलेज में नहीं मिले ज्यादा दस्तावेज
जांच टीम में शामिल पुलिस ओहदेदारों ने कॉलेज में तोमर के फोटो समेत दस्तावेज नहीं होने पर नाराजगी भी जताई। लॉ कॉलेज में जितेंद्र के दस्तखत का नमूना व फोटो समेत दस्तावेज दस्तयाब नहीं हो पाए।
साबिक़ प्रिंसिपल ने तोमर को पहचानने से किया इनकार
जितेंद्र सिंह तोमर ने विश्वनाथ सिंह कानून अदारे मुंगेर से लॉ की डिग्री ली थी। इसी डिग्री के फर्जी होने का मामला इन दिनों चर्चा में है। विश्वनाथ सिंह कानून अदारा मुंगेर की स्थापना 1983 में हुई थी। 1992 में इस अदारे को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिली थी। यह अदारा भागलपुर के तिलक मांझी यूनिवर्सिटी से ताल्लुक है। कॉलेज में 320 तालिबे इल्म की सीट मुकर्रर है। साबिक़ प्रिन्सिपल सुरेन्द्र प्रसाद के मुताबिक, सीट मुकर्रर होने से पहले बिहार व दूसरे रियासतों के सात से आठ सौ तालिबे इल्म यहां से डिग्री लेने आते थे। सिंह ने बताया कि तोमर ने जिस साल एडमिशन लिया था, वे प्रिन्सिपल थे लेकिन तोमर को नहीं पहचानते हैं। तोमर ने यहां से 1994 में एलएलबी में दाखिला कराया था।