दिल्ली में हुकूमत की तश्कील के सवाल पर हो रहे रुकावटों के मद्देनजर पीर के रोज़ आखिर नायब गवर्नर नजीब जंग ने सदर राज की सिफारिश कर दी हालांकि हुकूमत की तश्कील के इम्कान अभी भी बरकरार वहीं नई हुकूमत की तश्कील को लेकर रुकावटें बरकरार है और कोई भी सियासी पार्टी हुकूमत बनाने का दावा नहीं पेश कर रही है |
सरकारी ज़राये ने बताया कि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बातचीत के बाद नजीब जंग ने सदर जम्हूरिया को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मुख्तलिफ मुबादिलों में से सदर राज का आप्शन सुझाया है ज़राये ने बताया कि नजीब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी पार्टी हुकूमत बनाने के हालात में नहीं है और हुकूमत की तश्कील को लेकर अब तक कोई साफ तस्वीर नहीं बनी है |
रिपोर्ट में क्या कुछ है, इसका ब्यौरा दिये बगैर वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिन्दे ने यहां सहाफियों से कहा कि नजीब जंग कुछ आप्शन दिये हैं हम रिपोर्ट पर कानूनी तौर से गौर कर रहे हैं | शिंदे ने तस्दीक की कि नजीब जंग ने दिल्ली में सदर राज की सिफारिश की है |
उन्होंने बताया कि फिलहाल विधानसभा को तहलील (भंग) नहीं किया जाएगा बल्कि इसे ज़ेर ए गौर रखा जाएगा इसका मकसद यह है कि अगर आम आदमी पार्टी कांग्रेस की ताईद से हुकूमत बनाने का फैसला करती है या हुकूमत बनने की कोई और इम्कान बनते है, तो उस सिम्त में बढ़ा जा सके |
गौरतलब है कि कांग्रेस की तरफ से शर्त ताईद दिए जाने का ऐलान करने के बावजूद आम आदमी पार्टी हुकूमत बनाने में हिचक रही है | उसने कांग्रेस और बीजेपी कियादत को लंबी-चौड़ी शर्तों की फहरिस्त भेजी | कांग्रेस की जानिब उन शर्तों का जवाब भेज दिए जाने और ज़्यादातर सवालों पर रज़ामंदी जताए जाने के बावजूद अभी यह साफ नहीं हुआ है कि आप सरकार बनाएगी या नहीं |