दुनियवी खाहिशों को पूरा करने अंजाम

रसूलुल्लाह (स0) ने फर्माया : जो शख्स दुनिया में अपनी खाहिशों को पूरा करता है; वोह‌ आखिरत में अपनी खाहिशात के पूरा करने से महरूम होता है। ‘
नोट: अपनी तमाम चाहतों को इसी दुनिया में पूरी करने की कोशिश नहीं करनी चाहिये, वरना आखिरत में महरूम हो जाएगा।