डोलती ज़मीन की दहशत इतवार को तब अचानक बढ़ी, जब दोपहर 12:39 बजे फिर ज़लज़ला आया। सनीचर को रतजगा सी नौबत के चलते लोगों की आंखें लाल थीं। आराम के बाद ये पूरी तरह आराम करती की चौतरफा हल्ला मचा-ज़लज़ला आ गया। इसकी रफ्तार 6.9 रही। बिहार में इसके बाद आठ और झटके रिकार्ड हुए। चार महसूस करने लायक थे। लोग घरों से बाहर निकल आए।
रात 9.56 बजे के झटके के बाद फिर हड़कंप; रतजगा सी हालत। रियासत में ज़लज़ला से अब तक 91 लोगों के मरने की खबर है। रियासती हुकूमत के मुताबिक 50 लोग मरे, तो मरकज़ी हुकूमत के मुताबिक ४६ जानें गईं। मरकज़ी मरने वाले के अहले खाना को छह-छह लाख और जख्मियों को 50-50 हजार रुपए देगा। बिहार हुकूमत मरने वालों के अहले खाना को चार-चार लाख रुपए दे रही है।
वजीरे आला नीतीश कुमार के मुताबिक स्कूलों को मंगल तक बंद कर दिया गया है। नीतीश, आज जब अफसरों के साथ ज़लज़ला की हालत का जायजा ले रहे थे, उसी वक़्त ज़लज़ला आ गया। सारे लोग बाहर निकल आए। नीतीश का कहना था-यह सब होता है। वे वहां मौजूद सहाफ़ियों को भी घूम-घूमकर आफ्टर शॉट्स के असर को दिखाते रहे। वे रात में शहर में घूमकर लोगों के दरमियान भरोसा जगाते रहे। पार्किंग और खुली जगहों पर लोगों की आवाजाही होती रही।
रिकॉर्ड हुए नौ झटके मौसम साइंस सेंटर के डाइरेक्टर आशीष कुमार सेन के मुताबिक इतवार को ज़लज़ले के 9 झटके रिकार्ड किए गए। पांच को पटना में महसूस किया गया। शहर में जो पहला बड़ा झटका आया, वह 22 सेकेंड महसूस किया गया। उनके और वजीरे आला के मुताबिक बड़े ज़लज़ले के बाद आफ्टर शॉट्स आते हैं। घबराने की बात नहीं है। मरकज़ी हुकूमत मरने वालों के अहले खाना को छह-छह लाख और संगीन तौर से जख्मी होने वालों लोगन को 50-50 हजार रुपए देगी।
4 दिनों तक तेज हवा के साथ बारिश होने की इमकान
पटना में अगले चार दिनों तक तेज हवा के साथ हल्की बारिश की इमकान है। साइक्लाेनिक सिस्टम इसकी वजह है। बिहार में ज़लज़ले से अबतक मशरिकी चंपारण में 10, सीतामढ़ी, दरभंगा में 9-9, गोपालगंज, मधेपुरा में 6-6, अररिया में 5, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सारण, मधुबनी, शिवहर में 4-4, सीवान, बक्सर, प. चंपारण, कटिहार में 3-3, लखीसराय, सहरसा, सुपौल, बेगूसराय, नालंदा में 2-2, नवादा, रोहतास, बांका व मुंगेर में 1-1 अफराद की जानें गईं।