देखें विडियो: शहज़ाद पूनावाला ने कहा- “शिवराज के एमपी में मोदी-अमित शाह का गुजरात मॉडल शुरु”

अब्दुल हमीद अंसारी, नई दिल्ली। महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव और कांग्रेस के तेजतर्रार नेता शहजाद पुनावाला ने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार को भोपाल जेल से फरार तथाकथित आठ सिमी अभियुक्तों के एनकाउंटर के लिए घेरते हुए आज कई अहम सवाल उठाए। शहजाद पुनावाला ने पुछा की अगर ये आठ कैदी आतंकी है, हालांकि किसी कोर्ट ने उन्हें आतंकी घोषित नहीं किया है, अगर अंडर ट्रायल को आतंकवादी कहा जा रहा है और मारा जा रहा है तो क्या स्वामी असीमानंद और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी आतंकवादी है? क्या बीजेपी भी मानेगी यह बात? क्या उनका एनकाउंटर भी जायज़ होगा?
मूल सवाल यह है कि खंडवा जेल से फरार होने के बाद यह सभी आरोपियों को भोपाल जेल में एक साथ क्यों रखा गया? उनको चादर किसने दिया जिसके सहारे वे 30 फूट की दिवार लांग गये? बाकी जेल के सिपाही सो रहे थे? सात लेयर वाली जेल से कैसे फरार हुए? सीसीटीवी कैमरों का फूटेज कहां है?

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एमपी के गृहमंत्री कहते हैं कि हथियार नहीं थे, पुलिस कहती है हथियार थे इसलिए एनकाउंटर किया! इतने अलग-अलग क्यों बयान आ रहें हैं? मुझे दाल में कुछ काला नज़र आ रहा है। अगर हथियार नहीं थे तो मारने की जरूरत नहीं थी बल्कि जिंदा पकड़ते तो उनको और सख्त सजा दी जा सकती थी। शहज़ाद पूनावाला ने कहा कि मुम्बई हमलों के वाहिद गुनहगार अजमल कसाब को क्या जिंदा नहीं पकड़ा गया था? क्या किसी को भी गोली मारने की छूट है पुलिस को? अगर उनके पास हथियार होते तो क्या वों दस घंटों में सिर्फ 11 किलोमीटर दूर जाते? कोई गाड़ी लेकर भोपाल से बाहर नहीं चले जाते? हैरान कर देने वाली बात यह है कि जेल से भागने के दस घंटे बाद भी सबके सब एक साथ थे और साथ में ही एनकाउंटर किए गए। सवाल है, इसका जवाब शिवराज सरकार को देना ही होगा।

शहज़ाद ने कहा कि अब तो विडियो भी सामने आ गई है, साफ देखा जा सकता है कि अधमरे लोगों को गोली मारी गई। दिख रहा है कि पांच लोग पुलिस से बात करना और सरेंडर करना चाह रहे हैं। मगर पुलिस ने फिर भी गोली मार दी! यह सब वायरलेस में रिकॉर्डिंग हुई है, इन सबूतों से पता चलता है कि एनकाउंटर फर्जी हो सकता है।
‎भोपाल का मामला इशरत जहां पार्ट- टू लग रहा है। शहजाद पुनावाला ने यह भी कहा कि भोपाल जेल प्रशासन के निकम्मे रवैये और इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच जरूरी है। कोर्ट की मॉनिटरिंग यानी देख रेख में जांच होनी चाहिए। शहजाद ने अपने सख्त लहजे में कहा कि बीजेपी को फर्जी एनकाउंटर में महारत हासिल है। आप जानते हैं, सोहराबुद्दीन, इशरत जहां, ऐसे कई मामले है जहां फर्जी एनकाउंटर किया गया था।
मध्यप्रदेश पुलिस वही पुलिस है जिसको सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम घोटाले में जबर्दस्त फटकार लगाई। 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे व्यापम कांड में। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई कोर्ट द्वारा, क्या शिवराज सिंह चौहान की पुलिस पर विश्वास किया जा सकता है?

एक बड़ा परेशानी यह भी है, मुस्लिम अंडर ट्रायल को आतंकी कह कर फर्जी एनकाउंटर करा दी जाता है और बाबू बजरंगी, माया कोडनानी जो सजा पाए हुए हैं, नरसंहार के लिए जिम्मेदार है, उन्हें आप बेल देते हो। यह शर्मनाक है।