नई दिल्ली : मानव संसाधन मंत्रालय ने आईआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में देशभक्ति जगाए रखने के लिए स्वतंत्रता के 70 साल और भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरा होने पर 21 अगस्त को 75 संस्थानों के वाइस चांसलर्स और डायरेक्टर्स को जारी हुए निर्देशों में कहा है कि ‘ये इंडिया का टाइम है’ इवेंट के अंतर्गत इस कंसर्ट को होस्ट किया जाएगा. इसके अलावा ‘न्यू इंडिया मंथन’ का भी सेशन साथ होगा. सरकार ने जारी किए निर्देश में आईआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को उपयुक्त वेन्यू चुनकर स्टूडेंट्स को इन बैंड्स के बारे में जानकारी और परफॉरमेंस के दौरान ‘सूटेबल डेकोरम’ भी मेंटेन करने कहा है.
केंद्रीय सरकार का यह एक अनोखा तरीका है जो पीएम नरेंद्र मोदी ने यह तरीका निकाला है. अब इन शिक्षण संस्थानों में डीजे या रॉक कंसर्ट नहीं, बल्कि स्टूडेंट्स ‘देशभक्ति म्यूजिक बैंड्स’ होस्ट करते नज़र आएंगे.
नेशनल फिल्म डेवलप्मेंट कॉर्पोरेशन के जरिए मिनिस्ट्री ऑफ़ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग म्यूजिक बैंड्स की पहचान कर रहा है. ‘एक प्राइवेट एंटरटेंनमेंट कंपनी को म्यूजिक बैंड्स चुनने का काम दिया है. अब तक दर्जन भर से ज्यादा रॉक बैंड्स से बात चल रही है. अगले माह से अलग-अलग संस्थान में ये बैंड्स परफॉर्म करेंगे.’
विपक्ष ने इस इवेंट पर सवाल उठाए हैं. एआईएमआईएम के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘रॉक बैंड को आईआईटी में भेजने के पीछे सरकार का क्या मकसद है? मोदी सरकार अब तक लोगों का कुछ भला नहीं कर सकी है. यह स्टूडेंट्स को विभाजित करने की रणनीति है. आईआईटी इनोवेशन के लिए है ना की बैंड पार्टी के लिए.