देश में हुए बहुत से एनकाउंटर की तरह भोपाल एनकाउंटर भी फर्जी है-प्रो. इरफान हबीब

देश के प्रख्यात इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब का कहना है  कि भोपाल एनकाउंटर प्रकरण में कैदी जिंदा भी पकड़े जा सकते थे। लोगों को शक है कि एनकाउंटर फ र्जी है और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। देश में बहुत से एनकाउंटर हुए हैं, जिन पर सवाल ही उठे हैं।

जागरण अखबार सोमवार को बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एनकाउंटर तो आर्मी भी करती है और ये साबित हो चुका है कि आर्मी द्वारा किये गए बहुत से एनकाउंटर फर्जी निकले हैं। कश्मीर, आसाम व नॉर्थ ईस्ट में भी ऐसा ही होता है लोगों को मार दिया जाता है और फिर ऐसा करने वाले को अवार्ड से भी नवाजा हो जाता है। 2002 के गुजरात दंगो के बाद एनकाउंटर पर भी सवाल उठे थे। ये सभी एनकाउंटर संदेह के घेरे में रहते हैं। जाहिर है भोपाल में हुए एनकाउंटर में लोगों को शक है, मीडिया में भी यही खबरें आ रही है।

प्रो. हबीब ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के आजादी के वक्त का कोई हीरो नहीं है। यही वजह है कि वो सरदार पटेल को प्रोजेक्ट करके उनको अपना हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सच्चाई ये है कि सरदार पटेल खुद हिंदू महासभा और आरएसएस के कड़े आलोचक थे। सन् 1925 में जब आरएसएस बना था तो उसका काम केवल मुसलमानों का विरोध करना था।आरएसएस ने 1925 में अपने गठन से 1947 तक 22 साल के सफर में अंग्रेजों का विरोध ही नहीं किया। जो अंग्रेजी हुकूमत ने कहा वो इन्होंने माना। यही नहीं अंग्रेजों ने हिंदू-मुसलमानों को बांटने की जो साजिश रची गई, आरएसएस ने अंग्रेजो की इस साजिश में पूरा सहयोग किया। आरएसएस गांधी जी पर हमले करते रहे, छींटे उड़ाते रहे। राष्ट्रीय आंदोलन में इन्होंने खुद तो कुछ किया नहीं। अपने को राष्ट्रवादी साबित करने के लिए अब इन्हें भारत माता का ज्यादा ख्याल है, अब ये हीरो ढूंढ रहे हैं। उनकी आड़ में अपने को राष्ट्र भक्त साबित करना चाहते हैं।

महात्मा गांधी की हत्या पर संघ के शामिल होने के आरोपों पर उनका कहना है कि हालांकि सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के लिए सीधे आरएसएस को जिम्मेदार नहीं ठहराया था लेकिन ये जरूर कहा था कि आरएसएस ने देश में ऐसा माहौल पैदा कर दिया कि महात्मा गांधी का कत्ल हो गया।