दोहरी शहरीयत की हामिल फ़रह नाज़ असफ़हानी क़ौमी असेंबली की रुक्नियत से मुअत्तल (सस्पेंड)

पाकिस्तानी की सुप्रीम कोर्ट ने फ़रह नाज़ असफ़हानी को दोहरी शहरीयत रखने पर उन की क़ौमी असेंबली रुक्नियत को मुअत्तल (सस्पेंड) करदिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस्तिदलाल पेश किया कि ग़ैरमुल्कियों को पाकिस्तानी की नुमाइंदगी करने या क़ौमी अहमीयत के हामिल मुआमलात पर फ़ैसला करने का कोई हक़ नहीं है।

याद रहे कि फ़रह नाज़ असफ़हानी पाकिस्तान के साबिक़ सफ़ीर बराए अमेरीका हुसैन हक़्क़ानी की अहलिया हैं। चीफ़ जस्टिस इफ़्तिख़ार मुहम्मद चौधरी की क़ियादत में एक तीन रुकनी बैंच ने यूनाईटेड हियूमन राईट्स सदर नशीन सय्यद महमूद अख़तर नक़वी की दाख़िल करदा दरख़ास्त की समाअत कीजहां उन्हों ने अदालत से गुज़ारिश की थी।

दोहरी शहरीयत रखने वाले चार अरकान पार्लीमान को नाअहल क़रार देते हुए उन्हें आइन्दा आम इंतिख़ाबात में मुक़ाबला आराई से भी रोक दिया जाय जिस के बाद अदालत ने असफ़हानी की रुक्नियत को मुअत्तल (सस्पेंड) करदिया क्योंकि दौरान समाअत असफ़हानी ने एतराफ़ किया था कि वो अमरीकी शहरी हैं।