बैंकाक, ०३ फ़रवरी (एजैंसीज़) जंगलों में जानवरों के क़ाफ़िलों की एहमीयत होती है। जानवरों के झुंड से एक अजीब मंज़र नज़र आता है। इत्तेहाद और नज़म-ओ-ज़बत सीखना हो तो थाईलैंड की बज़ाओं से सीखें जो हज़ारों की तादाद में होने के बावजूद अपनी मुल्क़ को परेशान किए बगै़र एक क़तार में एक जगह से दूसरी जगह मुंतक़िल हो रही थीं।
चावल के खेत में चारों तरफ़ उन बतखों ने क़बज़ा किया हुआ था जिन का क़ाफ़िला जब खेत से निकला तो ये सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि देखते ही देखते इंसान थक जाये लेकिन उन की जारी लाईन ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रही थी। दो हज़ार से ज़ाइद बतखों पर मुश्तमिल इस क़ाफ़िले को देख कर थाई शहरी काफ़ी महज़ूज़ हुए।