बाद नमाज़ जुमा दफ़्तर जमईयत उल-क़ुरैश निज़ाम आबाद का एक अहम इजलास रियास्ती जमईयत उल-क़ुरैश की ईमा पर मुनाक़िद किया गया जिस में जमईयत उल-क़ुरैश के फ़लाही और मिली प्रोग्रामों पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया गया। इजलास की सदारत रियास्ती जवाइंट सेक्रेटरी ऑल इंडिया जमईयत उल-क़ुरैश शाख़ निज़ाम आबाद जनाब एम ए फ़हीम क़ुरैशी ने की और बताया कि दौर-ए-हाज़िर के तक़ाज़ों से निमटने के लिए क़ुरैश बिरादरी को मुत्तहदा तौर पर काम करना चाहीए ताकि क़ुरैश बिरादरी मिल्लत-ए-इस्लामीया के वसीअ तर मफ़ादात पर काम कर सके।
इजलास का आग़ाज़ जनाब हाफ़िज़ मुहम्मद शरीफ़ ख़ां सुलेमानी इमाम-ओ-ख़तीब मस्जिद अबूबकर निज़ाम आबाद की तिलावत कलाम पाक से हुआ। इस इजलास में ऐडीटर रहनुमाए दक्कन की आजिलाना सेहतयाबी के लिए हाफ़िज़ मुहम्मद शरीफ़ ख़ां ने बारगाह रब उल इज़त में दुआ की। इस मौक़ा पर मसरस अबदुल अज़ीम क़ुरैशी, अकरम क़ुरैशी, असलम क़ुरैशी, इर्फ़ान अहमद क़ुरैशी, नसीर अहमद क़ुरैशी, पाशाह क़ुरैशी, अबदुर्रहमान क़ुरैशी के इलावा दीगर(दूसरे) ने शिरकत की।