दौलते इस्लामीया बच्चों को लुभा रही है

शाम में इत्तिलाआत के मुताबिक़ ख़ुद को दौलते इस्लामीया कहलाने वाली तंज़ीम के ठिकानों पर फ़्रांस के पहले फ़िज़ाई हमले में तंज़ीम में भर्ती किए जाने वाले 12 बच्चे हलाक हो गए।

मुसन्निफ़ा जेसी कास्टर्न लिखती हैं कि इन अम्वात से मालूम होता है कि इराक़ और शाम की नौजवान आबादी किस तरह शिद्दत पसंदों की नई नसल में ढल रही है। शिद्दत पसंद तंज़ीम दौलते इस्लामीया बच्चों को भर्ती कर के उन्हें इन्सानी ढाल, जंगजूओं, ख़ुदकुश बमबार, निशाना बाज़ और ख़ून के अतियात के लिए इस्तेमाल करती है।

जुलाई 2015 में दौलते इस्लामीया ने एक वीडीयो जारी की थी, जिसमें पहली बार जंगजू बच्चों को क़ैदीयों के सर क़लम करते हुए दिखाया गया था। जुलाई 2015 में शाम में इन्सानी हुक़ूक़ के लिए काम करने वाली तंज़ीम का कहना था कि दौलते इस्लामीया 19 बच्चों को ख़ुदकुश बमबारों के तौर पर इस्तेमाल किया।