प्राग में फलस्तीन के सफीर जमाल-अल-जमाल की बुध के रोज़ उनके रिहायशगाह पर हुए धमाके में मौत हो गई। पुलिस धमाके को हादिसा बता रही है। सरकारी ज़राये ने भी वाकिया को दहशतगर्दाना वारदात मानने से इन्कार किया है।
फलस्तीन के वज़ारत ए खारेजा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सफीर जमाल अपने घर में एक अलमारी खोलने की कोशिश कर रहे थे तभी धमाका हो गया। जमाल ने हाल ही में अपना घर बदला है। यह अलमारी उनके पुराने दफ्तर से घर लाई गई थी। चेक रिपब्लिक की हुकूमत के एक ज़राये ने बताया कि धमाका शायद किसी Protective equipment से हुआ है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि वह सामान (equipment) क्या था।
कई अलमारियों को इस तरह से बनाया जाता है कि अगर कोई शख्स जबरन उसका ताला तोड़ना चाहे तो वह खुद-ब-खुद विस्फोट कर खुफिया कागजातों को खत्म कर देती है।
धमाके के बाद जमाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। हादसे में हालांकि कोई और जख्मी नहीं हुआ, जबकि जमाल का खानदान भी उस वक्त घर में मौजूद था। गली से देखने पर घर में कोई टूट-फूट भी नहीं दिखी। पुलिस ने बताया, ‘हमें ज़ाय वाकिया पर धमाखा खेज मवाद (Explosive) का पता चला है लेकिन यह क्या था, इसकी पहचान नहीं हो सकी है।’
फलस्तीनी वजारत ए खारेजा ने आली सतह के वफद को प्राग भेजने की बात कही है। यह वफद चेक रिपब्लिक के ओहदेदारों से बहस करने के साथ ही जांच में मदद करेगा।