नईम,सियासतदां बनने का आर्ज़ूमंद था!

हैदराबाद 11 अगस्त: नेक्सलाईट से गैंगस्टर बिन जानेवाले मुहम्मद नईम सरगर्म सियासत में दाख़िल होने का मन्सूबा बना रहा था। बावसूक़ ज़राए से पता चला है कि नईम अपने आबाई मुक़ाम भो‍गीर से साल 2019 -ए-में आम इंतिख़ाबात में हिस्सा लेने की तैयारी में था जिसके लिए इस ने माली वसाइल मुजतमा करने पर अपनी तवज्जा मर्कूज़ करचुका था। हालिया दिनों नईम ने तनाज़आत की यकसूई में शिद्दत पैदा कर दी थी और कई अहम मुआमलात को हल करने के बाद दुबई फ़रार होने का मन्सूबा भी रखता था।

भोंनगीर नईम अवाम तक पहूंचने के लिए हैदराबाद से एक टीवी चैनल शुरू करने की तैयारी करली थी जिसमें नलगोंडा से ताल्लुक़ रखने वाले एक सीनीयर सहाफ़ी की मदद हासिल की थी। एम के हर्फ़ के नाम से चैनल का आग़ाज़ करते हुए वो अपने आबाई मुक़ाम यानी भोंगीर में अपनी साख को बनाने की तैयारी में जुटा हुआ था।

मामूली नेक्सलाईट से डॉन बिन जानेवाले नईम कई पुलिस ओहदेदारों और सियासतदानों के लिए मददगार बन चुका था। सियासतदानों को मुश्किल हालात में साथ देने और बादअज़ां उन की सरपरस्ती हासिल करने में महारत रखने वाले नईम ने सरगर्म सियासत में दाख़िल होने की तैयारी करली थी जिसके लिए इस ने कई नौजवानों पर मुश्तमिल ख़ानगी फ़ौज तैयार करली थी और उन्हें असलाह भी फ़राहम किया था। ज़राए ने बताया कि नईम अपनी सियासी ज़िंदगी का आग़ाज़ भोंनगीर से करने वाला था जिसके लिए इस ने कई इक़दामात करना शुरू कर दिया था।

गणेश तहवार के मौके पर कई पंडालों को माली मदद और मुख़्तलिफ़ दरगाहों के उर्स के मौके पर भी अतयात देने में सबक़त ले चुका था। 2014 के आम चुनाव में नलगोंडा की सियासत में नईम ने अहम रोल अदा किया और बरसर-ए-इक्तदार सियासी जमात में हरीफ़ जमातों के अहम क़ाइदीन को शामिल होने पर मजबूर किया था।

वली गोंडा के मंडल प्रजा परिषद ,भोंनगीर के जैड पी टी सी और कई सरपंचों जिनका ताल्लुक़ कांग्रेस पार्टी से था, बरसर-ए-इक्तदार पार्टी में शामिल करवाया था।

हर सयासी क़ाइद की रास्त तौर पर मदद करने और उन्हें बरसर-ए-इक्तदार लाने में अहम रोल अदा करने वाले नईम ने ख़ुद मुंख़बा अवामी नुमाइंदा बनने की ख़ाहिश पैदा करली थी। इस सिलसिले में नईम ने दुबई फ़रार होने और वहां से अपनी मुजरिमाना सरगर्मीयां जारी रखते हुए दुबई पुलिस के हाथों गिरफ़्तार होने और वहां से सरकारी तौर मुल्क बदर करना (डेपोटेशन) जेल जाने भी तैयार हो गया था ताकि वो एनकाउंटर के अलावा इंटेलिजेंस एजेंसीयों की चालबाज़ी से बचा जा सके।

सरकारी तौर पर गिरफ़्तार किए जाने के बाद इस ने 2019 तक अहम मुक़द्दमात में ज़मानत हासिल करने के लिए हिक्मत-ए-अमली तैयार करली थी।