दोशांबे , 30 मार्च: ( पी टी आई) हिंदूस्तान ने आज सऊदी अरब की पालिसी पर ईज़हार-ए-तशवीश किया जिसके तहत मुलाज़मतों में 10 फ़ीसद जायदादें मुक़ामी अफ़राद के लिए मुख़तस करने का लज़ूम आइद किया गया है । इस फ़ैसले के नतीजा में ज़ाइद अज़ तीन लाख कमतर और नियम माहिर हिंदूस्तानी कारकुन मुतास्सिर होंगे ।
जिनमें से बेशतर रियासत केराला के मुतवत्तिन हैं । हिंदूस्तान के वज़ीर-ए-ममलकत बराए ख़ारिजी उमूर के अहमद ने जो ताजिकस्तान के दार-उल-हकूमत दोशांबे के दौरे पर हैं ताकि एशीयन डेवलपमेन्ट मुज़ाकरात में शिरकत कर सकें । आज शहज़ादा अबदुल अज़ीज़ बिन अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ नायब वज़ीर बराए ख़ारिजी उमूर से मुलाक़ात की और हिंदूस्तान के इस मसला पर अंदेशों और बेचैनी से उन्हें वाक़िफ़ करवाया ।
शहज़ादे ने अहमद को तयक्कुन दिया कि सऊदी अरब हमेशा ममलकत में बरसर-ए-कार हिंदूस्तानियों पर बेहतरीन तवज्जा देता रहा है और हिंदूस्तान के साथ इसके बेहद ख़ुशगवार ताल्लुक़ात हैं जिन की सऊदी अरब क़दर करता है । सऊदी वज़ीर यहां पर कान्फ्रेंस में शिरकत के लिए आए हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि वो ये मुआमला वज़ारत मेहनत से और मुताल्लिक़ा ओहदेदारों से रुजू करेंगे जबकि वो दार-उल-हकूमत रियाद पहूंचेंगे । हिंदूस्तानी सिफ़ारत ख़ाना इस मुआमले पर हुकूमत सऊदी अरब से पहले ही रब्त पैदा कर चुका है । ई अहमद ने कहा कि फ़िलहाल दहशत ज़दा होने की सूरत-ए-हाल मौजूद नहीं है ।
कल मर्कज़ी वज़ीर वायलार रवी ने कहा था कि वो हिंदूस्तानी सफ़ीर बराए सऊदी अरब को हिदायत दे चुके हैं कि वो इस मसला पर हुकूमत सऊदी अरब से नुमाइंदगी करें ।