विजयवाड़ा 08 नवंबर:प्रतिबंधित सीपीआई (मोइसट) के 28 सदस्यों को आंध्र ओडिशा सीमा पर हाल में एक मुठभेड़ में मारे जबकि कमजोर कर देने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने अब विद्रोहियों के लिए बातचीत के दरवाजे खोलदए हैं।
उन से कहा गया है कि अगर वह हथियार डालते हैं तो उनके साथ बातचीत हो सकती है। अतीत के विपरीत, जबकि 2004 में तत्कालीन राज्य आंध्र प्रदेश की राजनीतिक नेतृत्व वाईएस राजशेखर रेड्डी ने नक्सलियों के साथ बातचीत की थी इस बार यह प्रस्ताव पुलिस से की गई है। अतीत बातचीत कोई नतीजे नहीं हुए हैं। आंध्र प्रदेश के महानिदेशक पुलिस (इंचार्ज) एन सांबा शेवा राव ने कहा कि मुख्य रूप से हम इसे एक बड़ा आंतरिक सेक्यूरिटी समस्या समझते हैं।
ऐसे में हमारा मुफ़ाद इस में है कि हम उनके साथ बातचीत करें। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं लेकिन उन्हें पहले आत्मसमर्पण होंगे। यह हमारा स्थायी स्टैंड है। उन्होंने कहा कि अगर वो हथियार डालते हैं तो पुलिस उनका स्वागत करेगी। एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि ए ओ बी क्षेत्र में सेना की तलाशी अभियान 28 अक्टूबर को बंद कर दिया गया है। इससे चार दन पहले एनकाउंटर हुआ था।
उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री राजनाथ सिंह को दिल्ली में इस मुठभेड़ और उसके बाद की स्थिति से परिचित करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा से कहते रहे हैं कि रामा कृष्णा उर्फ आरके हमारी हिरासत में नहीं हैं और उनकी पत्नी ने जो यह स्वीकार किया है कि वे सुरक्षित हैं इससे हमारे मौकुफ़ की पुष्टि हो चुकी है।