नवाज़ शरीफ पर एनडीए में दरार

नरेन्द्र मोदी की हलफ़ बरदारी की त़क़रीब को एक दिन बा़की है, लेकिन पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म को दावत देने के मामहे में लगता है एनडीए के भीतर से ही मुखालिफतों का दौर ते़ज हो रहा है। एनडीए में दरारें पड़ती दिख रही हैं।पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की मौजूदगी को एनडीए के कुछ साथी पचा नहीं पा रहे हैं। नवाज शरीफ को बुलाने का जहां ज्यादातर जमातों ने इस्तेक़बाल किया है, वहीं शिवसेना ने इस पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है।

शिवसेना ने अभी यह तय नहीं किया है कि नवाज शरीफ की मौजूदगी में पार्टी के कोटे के मंत्री हलफ़ लेंगे या नहीं। शिवसेना ने इसके लिए इतवार की शाम 6 बजे पार्टी मीटिंग बुलाई है।

शिवसेना पाकिस्तान के हिन्दुस्तान में दहशतगर्द सरगर्मियों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार मानती है और इसके खिलाफ काफी तन्क़ीद भी करती रही है। शिवसेना ने लोकसभा इन्तेखाबात में एनडीए की जबर्दस्त जीत के बाद पाकिस्तान के साथ ‘जैसे को तैसा’ प़लिसी अपनाने की वकालत की थी।

इससे पहले शिवसेना ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों को मुंबई में क्रिकेट खेलने से रोक दिया था जिसके चलते मैचों को अन्य शहरों में मुन्तक़िल करना पड़ा था। इसके पहले पाकिस्तानी टीम के खेलने के खिलाफ उन्होंने फिरोजशाह कोटला की पिच खोद दी थी।

शिवसेना के नई लोकसभा में 18 सदस्य हैं। मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। शिवसेना की चुप्पी पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष सचिन ने कहा कि शिवसेना के अब तक के बयान और पाकिस्तान पर उसके रुख सिर्फ सियासी बिसात के लिए थे।