नारायणमूर्ति ने सुझाया कैसे बढ़ानी है नोकरिया, मोदी सर्कार हुई रोज़गार देने में विफल

देश में रोजगार नीति की सबसे बड़ी विडंबना है कि बीते एक दशक के दौरान देश में आर्थिक विकास की दर लगातार तेज हो रही है और रोजगार के आंकड़े गंभीर स्थिति में जा रहे है. जहां वैश्विक स्तर पर अर्थशास्त्री इसे जॉबलेस ग्रोथ कह रहे हैं, रोजगार की समस्या मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है.

ऐसी स्थिति में ये सरकार की बेसब्री का नतीजा ही है कि हाल में दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि जब सड़क के किनारे युवा पकौड़े बेचकर 200 रुपये प्रतिदिन कमा रहा है तो इसे रोजगार सृजन कहने की जरूरत है.

बहरहाल, बीते दो दशक के दौरान देश में नई नौकरियां पैदा करने में महारत साबित करने वाले आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति ने अगले दशक में नौकरी सृजन करने का मंत्र मोदी सरकार को दिया. ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में नारायणमूर्ति ने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि वह देश में कारोबारी के लिए अच्छे दिन लाने के साथ-साथ दुनियाभर से कारोबारियों को निवेश लाने का काम करें.

नारायणमूर्ति ने कहा कि मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच यदि देश की सरकार नौकरियों के सृजन को गंभीरता से लेना चाहती है तो उसे इन दो पक्षों पर इमानदारी से काम करने की जरूरत है.

गौरतलब है कि बीते डेढ दशक के दौरान जहां अर्थव्यवस्था 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से आगे बढ़ रही है वहीं रोजगार के आंकड़े इस दौरान 2.87 फीसदी के दर से लुढ़ककर 1 फीसदी से भी कम के स्तर पर पहुंच गया है.

जहां केन्द्र सरकार के लिए नारायणमूर्ति ने नौकरी सृजन का मूलमंत्र दिया वहीं देश के कारोबारियों से अपील की कि आने वाले दशक में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए बेहद जरूरी है कि वह नए युग की टेक्नोल़ॉजी में निवेश और ट्रेनिंग को सबसे ज्यादा महत्व दें.

नारायणमूर्ति ने दावा किया कि बीते डेढ दशक के दौरान इंफोसिस की सफलता का सबसे बड़ा राज यही है कि उसने युवाओं की ट्रेनिंग को सर्वाधिक महत्व दिया और मौजूदा समय में कंपनी के पास 14 हजार युवाओं को प्रतिदिन ट्रेनिंग देने की छमता मौजूद है.