अपने बच्चों की तहवील के लिए नबरद आज़मा एक हिंदूस्तानी जोड़े को झटका देते हुए नार्वे की चाईलड वीलफ़ीयर सरविस (सी डब्लयू ऐस) ने कहा है कि इन बच्चों को हिंदूस्तान वापिस नहीं भेजा जा सकता, जहां वो अपने वालदैन के दरमयान इख़तिलाफ़ात के तनाज़ुर में निहायत बद बख्ताना रसा कशी में फंस सकते हैं।
सी डब्लयू उसने एक ब्यान में कहा कि दो हिंदूस्तानी बच्चों से मुताल्लिक़ बच्चा बहबूदी केस की नई तबदीलीयों ने असटावनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में समाअत को नामुमकिन बना दिया है जो जुमा 23 मार्च को तए थी।
इस ब्यान का पस-ए-मंज़र तीन साला अभगयान और एक साला ऐश्वर्या के वालदैन अनूरूप और सागर यक्का भट्टाचार्य के दरमयान जज़बाती बे रब्तगी है जिस की वजह से उन बच्चों को गुज़श्ता साल मई में नार्वे के एक मर्कज़ निगहदाशत में रखने पर मजबूर होना पड़ा था।