निकाह को आसान बनाने ख़ुसूसी मुहिम

अंजुमन फ़लाह मुआशरह ज़िला बीदर की तरफ से निकाह को आसान बनाने के मक़सद से एक मुहिम शुरू की गई है, जिस के ज़िला बीदर में मुसबत नताइज बरामद होरहे हैं।

इस मुहिम के ज़रीया अवाम में इस बात का शऊर बेदार किया जा रहा है कि निकाह में बेजा रसूमात और फुज़ूलखर्ची से इजतिनाब किया जाये और निकाह की तक़ारीब में खाना खिलने से अहितराज़ किया जाये। अबदुल क़दीर सेक्रेटरी अल्लामा इक़बाल एजूकेशनल सोसाइटी (शाहीन) ने बताया कि इस ख़सूस में अंजुमन फ़लाह मुआशरह की तरफ से उल्मा की दस्तख़त शूदा तहरीर अवाम में तक़सीम की जा रही है और बशकल असटीकरज़ ज़ाइद अज़ 20 हज़ार मकानात पर लगने का मंसूबा है।

उन्हों ने बताया कि ज़िला बीदर कर्नाटक में इस के मुसबत नताइज बरामद होरहे हैं और लोग निकाह की सादा तक़ारीब के इनइक़ाद में संजीदगी का मुज़ाहरा करने लगे हैं।

अबदुल क़दीर ने बताया कि इन इसटीकरज़ में 10 नकात तहरीर किए गए हैं जिस में बेजा रसूमात से परहेज़, जहेज़ के लेन देन से गुरेज़ , निकाह की तक़रीब में खाना खिलने से अहितराज़, सिर्फ़ बैरूनी मेहमानों और घर के अफ़राद के लिए खाने का इंतिज़ाम, मस्जिद में निकाह, दावत-ए-वलीमा में सादगी और गरबा और मसाकीन का ख़्याल रखने के अलावा महफ़िल निकाह और वलीमा में पटाख़े, बाजा, वीडियोग्राफी, क़ीमती दावतनामा, क़ीमती स्टेज से इजतिनाब किया जाये।

नौजवान बैरूनी दबाव‌ को क़बूल किए बगै़र कम ख़र्च में अपने निकाह को तर्जीह दें। इन नकात के अलावा इस में एक नुक्ता ये भी रखा गया है कि जिन तक़ारीब में बेजा रसूमात और ठाट बाट हो तो उन की सताइश के बजाय उन की मुज़म्मत की जाये तो लोगों में इस बात का एहसास भी पैदा होगा कि इस तरह की तक़ारीब पर लोग नापसंदीदगी का इज़हार करने लगते हैं।

इन इसटीकरस पर जिन उल्मा की दस्तख़तें सबुत हैं, इन में मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद महफ़ूज़ अहमद क़ासिमी, मौलाना सय्यद अबदुल हमीद क़ासिमी, मौलाना मुफ़्ती ग़ुलाम यज़्दानी इशाअती , मौलाना मुहम्मद शकील अहमद हुसामी, मौलाना मुहम्मद मुजीब उल रहमन क़ासिमी, मौलाना मुहम्मद सिराज उद्दीन निज़ामी शामिल हैं।

उन्हों ने बताया कि इस मुहिम को ज़िलई-ओ-रियास्ती सतह पर उल्मा की सरपरस्ती हासिल है और इस के मुसबित नताइज से हौसले बुलंद होरहे हैं और काम को दुसरे अज़ला तक वुसअत दी जाने लगी है।

इस सिलसिले में तंज़ीम ख़वातीन की ज़हन साज़ी के लिए इजतिमाआत और कॉलिजस में मुज़ाकरात के इनइक़ाद के ज़रीया शऊर बेदार कररही है।