शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो लखनऊ
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुशासन की चर्चा अक्सर खबरों में होती है अभी बीते 21 जनवरी को सीएम नीतिश कुमार ने शराब बंदी के खिलाफ करोड़ो लोगों की एक मानव श्रृखंला बनाई थी। जिस दिन ये रिकार्ड बनाया जा रहा था, उसी दिन राज्य के भागलपुर में एक मासूफ से हैवानियत की शिकार बन रही थी। हैवानियत भी ऐसी कि बड़े से बड़ा दरिंदा भी एक बार ऐसी करतूत पर शर्मसार हो जाए। हम बात कर रहे बिहार के भागलपुर जिले की, भागलपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोसी नदी के बीहड़ में बसा नौगछिया थानाक्षेत्र के बिरपुर से एक सात साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई।
बिहार में सीएम नीतिश के सुशासन में इससे बड़ा क्या कुशासन होगा कि जहां एक मासूम की आबरू को दबंगों की दबंगई का शिकार होना पड़ा। बिहपुर, भूमिहार जाति के वर्चस्व वाला दबंग इलाका है। एक बेहद ग़रीब मुस्लिम परिवार में ये दर्दनाक हादसा हुआ है। आज भी इस इलाके में सामंती और ज़मीदारी प्रथा का बोलबाला। गरीब लोग इन दबंगों के खेत में मजदूरी करते है और इन्हीं की ज़मीन पर झोपड़ी का आशियाना बनाकर जीवन यापन करते है। पीढ़िता के परिवार में बिमार बाप और अंधी मां और भाई है। माता—पिता भाई के साथ भागलपुर ईलाज कराने के लिए ले गए थे। घर में बच्ची अकेली थी, जिसका फायदा उठाकर एक लड़के ने उस सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म को अंजाम देता है और बच्ची के गुप्तांग में धारदार सामग्री से अपनी बेरहमी और दबंगई दिखाता है। पीड़िता का परिवार, तीन पीढ़ी से आरोपी के परिवार का ज़मीदारी का शिकार है। वारदार के बाद आरोपी लड़का मौके से फरार हो जाता है जिसके बाद लहूलुहान बच्ची की आवाज़ सुनकर दूसरे मज़दूरों ने फौरन उसकी मदद को आगे बढ़े और स्थानीय एक डाक्टर से उसको प्राथमिक उपचार कराया गया। जिसके बाद मामले को चालाकी से निटाने के लिए पंचायत बुलाई गई, पंचायत ने उस बच्ची की आबरू की कीमत तय किया, पंचायत ने सजा सुनाया कि पीढ़ित का ईलाज आरोपी पक्ष कराएगा और उसकी शादी के लिए 60 हज़ार रूपए खर्च देना होगा।
मामले सोशल मीडिया के जरीए उजागर हुआ। प्रिया पंत नाम की एक फेसबुक यूज़र ने मुस्तकीम सिद्दीकी नाम के सामाजिक कार्यकर्ता का वीडियो अपनी टाईम लाईन पर साझा किया है। मुस्तकीम सिद्दीकी ने पीढ़िता के घर जाकर वहां से फेसबुक पर लाइव वीडियो पोस्ट किया। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। सियासत ब्यूरो से बात करते हुए मुस्तकीम ने इस पूरे मामले को उजागर किया। मुस्तकीम के पहल से पीढ़िता के पिता ने इस मामले में नवगछिया थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिए तहरीर दिया है। मुस्तकीम ने ये भी बताया पुलिस ने इस मामले में दो लोगो को हिरासत में लिया, जबकि इस मामले में केवल एक व्यक्ति शामिल था।
सियासत से बात करते हुए मुस्तक़ीम ने ये बताया कि आरोपी की तरफ से पीढ़िता के परिवार पर मामला वापस लेने की धमकी दी जा रही और जब से उन्होने फेसबुक पर लाईव वीडियो जारी किया है तब से उनको अन्जान लोगों के ज़रीए धमकी भरे फोन आ रहे है।
फिलहाल सियासत इस मामले में अन्य पक्षो से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है ताकी मामले की हर जानकारी को अपडेट किया जा सके।
देश में महिलाओं के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के वारदात दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है निर्भया कांड के बाद कड़े कानून के नाम पर कानून में संशोधन भी किया गया, लेकिन जबतक कानून व्यवस्था सही नहीं होगा तब तक कानून को चुनौती देने के लिए ऐसे मामले सामने आते रहते है। हालांकि सुशासन का दम भरने वाले नीतिश कुमार की पुलिस पीढ़ितो को कितना इंसाफ दिला पाएगी, ये देखना बाकी है।
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