निर्मल में बंद कामयाब और पुरअमन

अलहदा तेलंगाना रियासत तश्कील देने का मुतालिबा करते हुए ताज़ा तरीन वाक़्यात में दो नौजवानों ने ख़ुदकुशी कर ली जिस पर बतौर‍ ए‍ एहतिजाज आज तेलंगाना बंद मनाया गया जिसको कामयाब और पुरअमन रहा ताहम इस तहरीक की बाग दौड़ सँभाले क़ाइदीन बिलख़सूस चंद्रा शेखर राव , हरीश राव , रामा राव कोडंडा राम ही नहीं बल्कि कवीता मुहतरमा को ग़ौर-ओ-फ़िक्र करने की ज़रूरत है कि आज के बंद में फिर एक बार अक़ल्लीयतों ने हिस्सा लेते हुए बंद की कामयाबी में अहम किरदार निभाया है ।

टी आर एस की अपील पर बंद में मामूली पान डिब्बा भी बंद देखे गए । साफ़ ज़ाहिर है कि अक़ल्लीयतें तेलंगाना की हामी है । जबकि टी आर एस ने अक़ल्लीयतों के साथ सयासी इंसाफ़ नहीं किया । सयासी क़ाइदीन अपने ज़मीर की आवाज़ पर ग़ौर करें कि जब भी कोई सयासी मक़सद के हुसूल की ख़ातिर तहरीक चलाई जाती है तो मासूम शहरियों तलबा तनज़ीमों और आम शहरियों ने मुफ़्त के बेरहम हाथों अपनी ज़िंदगी क़ुर्बान की है ।

यहां सयासी मक़सद के लिए कई तलबा की मौत ने माओं की गोद उजाड़ दी किसी अख़बार में ये नज़र नहीं आया कि कोई सयासी कारकुन कौंसलर या सरपंच ने ख़ुदकुशी की हो वैसे किसी भी मक़सद के हुसूल की ख़ातिर इन चीज़ों से एहतियात ज़रूरी है । आज ये तहरीक की मंज़िल चंद्रा शेखर राव सिर्फ़ आला ज़ात को साथ लेकर हासिल नहीं कर सकते । रियासत तेलंगाना की तशकील की ज़रूरत जिस तरह वक़्त की अहम ज़रूरत है इसी तरह तेलंगाना के तमाम तबक़ात को यकसानियत के साथ नुमाइंदगी का मौक़ा देते हुए साथ रखें तो मंज़िल-ए-मक़्सूद को पहूँचा जा सकता है ।

अब भी टी आर एस मंसूबा बंद तरीका कार से अपनी पॉलीसी को तब्दील करे और हिक्मत-ए-अमली में तब्दील लाए तो मासूम अक़लियत ग़ौर कर सकती हैं। की उनका आज बंद में मुस्लमानों ने साथ दिया है ।