किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस के संगे बुनियाद तकरीब में वजीरे आला नीतीश कुमार को मदउ न किये जाने पर कांग्रेस सदर सोनिया गांधी ने नाखुशी जतायी है। ज़राये के मुताबिक वजीरे आला को मदउ न किये जाने को लेकर कांग्रेस और जदयू के दरमियान जो तनाज़ा पैदा हुआ है, उसे कांग्रेस की सियासी कमजोरी कही जा रही है। रियासती हुकूमत की तरफ से मर्कज़ के ऊपर वफ़ाक़ी निज़ाम पर हमला किये जाने की खत भेजने और पूरा मामला मीडिया में आने पर कांग्रेस के सीनियर लीडरों ने भी नाराजगी जतायी है।
उनका मानना है कि सीएम को मदउ न करना और वह भी उस हालत में जब जमीन रियासती हुकूमत ने ही दस्तयाब करायी है, इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है। डैमेज कंट्रोल के तौर में पहले बनायी गयी फेहरिस्त में सुधार कर सीएम को मदउ किया जा सकता है। ज़राये का कहना है कि यह पूरा मामला बिहार रियासती कांग्रेस ओहदेदारों की वजह से बना है।
रियासती कांग्रेस ओहदेदारों की तरफ से मर्कज़ी इंसानी वसायल तरक़्क़ी वुजरा को सीएम का नाम ही मदउ की फेहरिस्त में नहीं दिया गया। मर्कज़ी वुजरा इस मामले में गौर किये बिना यह मान बैठा कि कांग्रेस सदर सोनिया गांधी जा रही हैं, तो हो सकता है यह कांग्रेस के आलाकमान की तरफ से लिया गया फैसला हो और वुजरा ने उसी बुनियाद पर प्रोग्राम की ड्राफ्ट तैयार कर दी।