भाकपा माले के क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश और मुलायम के साथ फेडरल फ्रंट मंजूर नहीं है. पीर को नरकटियागंज में जनदावेदारी रैली को खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि फेडरल फ्रंट इंतिख़ाब के बाद जमीन पर बनेगा।
भाजपा को ताकत देनेवाले नीतीश कुमार और मुजफ्फरनगर के दंगे को रोकने में नाकामयाब मुलायम सिंह फेडरल फ्रंट के ऑप्शन नहीं हो सकते। नीतीश कुमार कहते हैं कि वे लेफ्ट के दोस्त हैं। जब नीतीश कुमार लालू से अलग हुए थे, तब भी उन्होंने यह बात कही थी। लेकिन, वह सत्रह साल तक भाजपा को मजबूत करते रहे।
लालू को भी कोसा
मुजफ्फरनगर के दंगे का कोई वजह नहीं था। सिर्फ वोट के लिए मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ। वह भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हुकूमत रहते। लालू प्रसाद भी जब जेल से बाहर आये तो उन्होंने कहा कि हम माले से भी बात करना चाहते हैं, लेकिन जिस कांग्रेस को पूरे मुल्क ने नकार दिया, लालू उसी कांग्रेस से चिपके हुए हैं। माले के क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी ने बारी-बारी से तकरीबन सभी दलों को खरी-खोटी सुनायी। कहा, इस बार इंतिख़ाब का मुद्दा आम आदमी का मुद्दा होगा। उन्होंने आम आवाम, गरीब, मजदूर, बेरोजगार नौजवान और किसानों के सवालों को इंतिख़ाब का मुद्दा बनाने की दरख्वास्त की। कहा कि दिल्ली के इंतिखाब ने साबित कर दिया है कि लोग अब आदमी के सवालों पर वोट करेंगे। दहशतगर्द पर बोलते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि कहीं कोई धमाका हो जाये तो शक की बुनियाद पर मुसलमान नौजवानों को पकड़ा जाता है।
समझौता एक्सप्रेस समेत तकरीबन पांच ऐसे मामले हैं, जिनमें आरएसएस के स्वामी असीमानंद और प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोग मुजरिम पाये गये। लेकिन, किसी की हिम्मत नहीं होती कि वे किसी आरएसएस कार्कुनान के घर में घुस सके। प्रोग्राम को रियासती मुस्तकबिल कमेटी रुक्न वीरेंद्र गुप्ता, सुधीर राव, विष्णुदेव, दयानंद द्विवेदी वगैरह ने भी खिताब किया।