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नीतीश से नहीं, लड़ाई भाजपा से : लालू

राजद सरबराह लालू प्रसाद ने पार्टी के लिए 2014 के लोकसभा इंतिखाबात का एजेंडा तय कर दिया है। उन्होंने कहा कि आगामी इंतिखाबात में वज़ीरे आला नीतीश कुमार कोई फैक्टर नहीं हैं। राजद की लड़ाई भाजपा और आरएसएस से है। उन्होंने कारकुनों से गांवों में जाकर यह बताने के लिए कहा कि नीतीश कुमार में फिरकवाराना ताकतों से लड़ने की हिम्मत नहीं है।

इतवार को वह पार्टी दफ्तर में एमपी, साबिक़ एमपी, एसेम्बली रुक्न, साबिक़ एसेम्बली रुक्न , विधान पार्षद, साबिक़ एसेम्बली रुक्न, रियसती ओहदेदार, जिला सदर और जिला इंचार्जों की बैठक को खिताब कर रहे थे।

मुल्क पर मंडरा रहा खतरा

उन्होंने कहा कि सियासी साइंस के तालिबे इल्म होने के नाते उन्हें दिख रहा है कि मुल्क के ऊपर किस तरह का खतरा आनेवाला है। नौजवानों को बरगलाया जा रहा है। उन्हें फिरका वराना का सबक पढ़ाया जा रहा है।

नवादा, खगड़िया और बेतिया की वाकिया इसका सुबूत है। नीतीश कुमार को पहचानने में उनसे ही भूल हो गयी थी। भाजपा और जदयू सिर्फ लालू को एक्तदार से हटाने के लिए एक प्लैटफ़ार्म पर आये थे और आज दोनों में तलाक हो गया है। गम में एक-दूसरे को कैसे कोस रहे हैं, वह आवाम देख रही है। रियासत सदर को डॉ रामचंद्र पूर्वे को कहा कि अब कम्यूनिकेशन मस्ट हो गया है।

क़ायेदिनों की जो टोली बनायी गयी है, उसका पता और मोबाइल नंबर कंप्यूटर में फीड करें। वह खुद वक़्त ब वक़्त फीड बैक लेते रहेंगे। जो लीडर काबिल नहीं हैं, उन्हें हटा कर दूसरे लीडर को मौका दें। साबिक़ वज़ीर शकुनी चौधरी ने कहा कि कोई ऐसा सख्स नहीं है, जिसे वज़ीरे आला ने ठगा न हो। साल 2010 का इंतिखाबात मुखालिफत की वजह नहीं हारे थे, अपनों के वजह हारे थे।

बैठक में रियासत के सदर डॉ रामचंद्र पूर्वे, प्रिन्सिपल सेक्रेटरी और एमपी रामकृपाल यादव, साबिक़ वज़ीर तसलीमुद्दीन, इलियास हुसैन, रघुनाथ झा, कांति सिंह, जयप्रकाश नारायण यादव, सम्राट चौधरी, वीणा शाही, आजाद गांधी, प्रो अब्दुल गफूर, अख्तारुल इसलाम शाहीन, रियासती जेनरल सेक्रेटरी सलाउद्दीन मंसूरी वगैरह थे।

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