काठमांडू: नेपाल में आए 7.9 शिद्दत के ज़लज़ले का असर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भी देखने को मिला है. यहां ज़लज़ले की वजह से आए गिरते हुए बर्फो के ढ़ेर से 18 लोगों की मौत हो गई है.
मरने वालों में गूगल के एग्जीक्यूटिव डैन फ्रेंडिनबर्ग भी शामिल हैं. डैन की मौत की तस्दीक उनकी कंपनी ने की. फ्रेंडिनबर्ग गूगल के ही अपने तीन साथियों के साथ दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की चढ़ाई चढ़ रहे थे और तभी ज़लज़ले के झटकों के बाद आए हिमस्खलन ( बर्फों के गिरते हुए ढ़ेर से) के सबब उनकी मौत हो गई.
कंपनी के एक आफीसर ने अपने बयान में कहा कि, इस हादिसा में फ्रेंडिनबर्ग के साथ गए तीनों मुलाज़िम ठीक हैं और उनके किसी तरह की कोई भी चोट नहीं लगी है. फ्रेंडिबर्ग गूगल के सीनीयर मुलाज़्मीन में से एक थे और वह गूगल एक्स के हेड ऑफ प्रावेसी भी थे.
उनकी बहन मेगन ने शोशल मीडिया पर कहा कि, बर्फो के गिरने के दौरान फ्रेंडिनबर्ग के सिर पर शदीद चोट लगी थी. मेगन ने अपने पोस्ट में कहा, “उनकी रूह हम सभी में जिंदा रहेगी.”
फौज के एक आफीसर ने कहा है कि हिंदुस्तानी की पर्वतारोही टीम (Mountaineering Team) को एवरेस्ट पर 18 फुतशुदा लाशें मिली हैं. वहीं नेपाल टूरिजम मिनिस्ट्री ने अभी तक सिर्फ 10 लोगों की मौत की ही तस्दीक की है. लेकिन एक तरजुमान का कहना है कि लोगों के मरने की तादाद बढ़ सकती है. नेपाल में हफ्ते के रोज़ आया ये ज़लज़ला 81 सालों में सबसे ज्यादा बरबादी करने वाला ज़लज़ला है, जिसमें अभी तक तकरीबन 1900 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 4700 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हो गए हैं.