नेशनल कॉनफ्रेंस के बाद अब महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने भी किया जम्मू-कश्मीर निकाय और पंचायत चुनाव का बहिष्कार!

जम्मू-कश्मीर सियासी अस्थिरता उफान पर है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब दूसरी प्रमुख पार्टी पीडीपी ने भी पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे कायराना कदम करार दिया है। भाजपा का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव होने से लोकतंत्र मजबूत होगा और राज्य की बेहतरी हो।

परंपरागत विरोधी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस इस मसले पर एक साथ है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर ने चुनाव के बहिष्कार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने फारुक अब्दुल्ला को निशाने पर लेते हुए कहा कि संविधान की धारा 35-ए का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में इसे पंचायत चुनाव से क्यों जोड़ा जा रहा है?

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन से पहले मुख्यमंत्री रहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन सरकार के दौरान भी सुरक्षा का हवाला देते हुए पंचायत चुनाव का विरोध किया था।

गुरुवार को उन्होंने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा था, ‘हमें उम्मीद थी कि इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला लेने से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती, जिसमें सभी अपना पक्ष रखते।’

उल्लेखनीय है कि आतंकी गतिविधियों के चलते अशांत रहने वाला कश्मीर इन दिनों सियासी अस्थिरता से भी जूझ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी और भाजपा के गठबंधन से बनी सरकार लगातार अंतर्द्वंद्व के बाद आखिरकार टूट गई।

भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और महबूबा अल्पमत में होने के चलते इस्तीफा देने को मजबूर हो गईं। इसी के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लगा हुआ है।