नई दिल्ली: नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की मौत की असली वजह अभी भी एक असरार बना हुआ है लेकिन बोस से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। साबिक वज़ीर ए आज़म जवाहर लाल नेहरू ने बोस के रिश्तेदारों की 20 साल तक जासूसी कराई थी। एक अंग्रेजी अखबार ने हाल ही में खुफिया फहरिस्त से हटाई गई इंटेलिजेंस ब्यूरों की दो फाइलों की बुनियाद पर यह दावा किया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1948 से लेकर 1968 के बीच बोस के खानदान वालों पर नज़र रखी गई थी। बोस के कोलकाता में वुडबर्न पार्क और 38/2 एल्गिन रोड वाके दो घरों की निगरानी की गई थी और यह काम ब्रिटिश हुक्मरान के दौरान शुरू हुआ था। इसे नेहरू ने आजादी के बाद भी जारी रखा। आईबी इंटरसेप्टिंग के साथ ही बोस के खानदान को आने वाले खतों पर भी नजर रखती थी और खानदान के लोगों के दौरे यानी सफर करने पर भी जासूसी की गई।
आईबी बोस के भतीजों शिशिर कुमार बोस और अमिय नाथ बोस पर कड़ी नजर रखती थी और ये दोनों बोस के काफी करीब थे। नेताजी की शरीक ए हयात एमिली शेंकल ऑस्ट्रिया में रहती थी और उन्होंने भतीजों के नाम खत भी लिखी थी। वहीं इस बारे में बोस के खानदान वालों ने हैरानी जताई है। उनका कहना है कि जासूसी मुजरिमों की होती है लेकिन नेताजी ने तो मुल्क की आजादी की लड़ाई लड़ी तो उनकी जासूसी क्योें? रिपोर्ट के मुताबिक ऑरिजनल फाइलों को अभी भी मगरिबी बंगाल की हुकूमत ने छिपा रखा है।