नैदरलेंडस ने को स्टार यक्का को पनालटी शूट आउट में 4-3 से मात दे दी जबकि 120 मिनट तक भी कोई गोल नहीं बनाया जा सका था, इस तरह नैदरलेंडज़ ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक रसाई हासिल करली थी।
एक और मुक़ाबले में अर्जनटीना ने बेलजियम को 1-0 से मात दे कर सेमीफाइनल में मुक़ाम हासिल किया। नैदरलेंडस के गोलकीपर टिम कर्ल ने पनालटी शूट आउट में दो गोल रोक कर टीम की कामयाबी में अहम रोल अदा किया। दूसरे सेमीफाइनल में नैदरलेंडस का मुक़ाबला अर्जनटीना से होगा।
कोस्टार यक्का ने टीम में बाज़ तबदीलियों के बावजूद गुजिश्ता हफ़्ता से अब तक कोई गोल नहीं बनाया। ऑस्कर डीवरीड को यूनान के ख़िलाफ़ मैच में रैड कार्ड दिखाने के बाद जानी इको सट्टा को शामिल किया गया था। इस के इलावा एक और तबदीली लाते हुए जॉर्ज लीवइस को भी टीम में शामिल किया गया।
टिम कर्ल ने कहा कि हम ने अब तक जो मेहनत की है, इसका नतीजा सामने आया है। उन्होंने कहा कि गेम शुरू होने से क़बल ये इमकान दिखाई दे रहा था कि पनालटी शूट आउट का मरहला आएगा और वो इस के लिए पूरी तरह तैयार थे। उन्होंने कई पनालटीज़ का मुशाहिदा किया और गोल कैप्रिस के साथ साथ गोलकीपर कोच ने उन्हें काफ़ी ट्रेनिंग दी थी।
उन्होंने कहा कि टीम में वान गाल और डरट केवट को डीफ़ैंस में रखा गया था और ये हिक्मत-ए-अमली कामयाब रही। को स्टार यक्का के कोच जॉर्ज लीवइस पिंटो ने कहा कि उनके खिलाड़ी आख़िरी मरहले में कर्ल के सामने बेबस होगए। उन्होंने कहा कि हम किसी क़दर मायूस भी थे क्योंकि गोलकीपर वो नहीं था जो इब्तिदा-ए-से मैच में शरीक था।
उन्होंने 2 पेनाल्टीज़ रोके , लेकिन इस में क़िस्मत का ज़्यादा दख़ल रहा। वर्ल्ड कप क्वार्टरफाइनल के एक और मुक़ाबले में बेलजियम के अर्जनटीना को 1-0 से मात दिया। बेलजियम के कोच मार्क विल्मर टस ने अर्जनटीना को एक आम टीम जिस में एक ग़ैरमामूली खिलाड़ी ताबीर किया।
उन्होंने कहा कि वो अर्जनटीना से ज़्यादा मुतास्सिर नहीं रहे। ये एक आम टीम है जिस में सिर्फ़ एक ग़ैरमामूली खिलाड़ी है, इनका इशारा अर्जनटीना के कप्तान लाईव नल मेसी की जानिब था। बेलजियम को 8 वें मिनट में गिनिज़ यालो हीगवीन के बनाए गए गोल के बाद फिर कोई मौक़ा नहीं मिला।
वलमोरटस मुक़ाबले के इस नतीजा पर अपनी मायूसी को छिपा नहीं सके। उन्होंने कहा कि हम ने अर्जनटीना का तजुर्बा देख लिया है। उन्होंने ये भी कहा कि हम ने बाज़ गलतियां की हैं , लेकिन हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्हें काफ़ी मायूसी हुई क्योंकि हर खिलाड़ी ने वैसा मुज़ाहरा नहीं किया जैसी तवक़्क़ो थी , इसके बावजूद वो अपने खिलाड़ियों पर फ़ख़र महसूस करते हैं।