कोलकाता। केंद्र सरकार से नोटबंदी को लेकर अपना टकराव जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को केंद्र सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि तीन दिनों की दी गई समय सीमा के अंदर यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो सोमवार से विरोध में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
‘इंडिया टीवी खबर डॉट कॉम’, के अनुसार, ममता बनर्जी ने हालांकि इसका खुलासा नहीं किया कि आंदोलन किस तरह का होगा। उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में 72 घंटे की दी गई समय सीमा खत्म हो जाने के बाद सोमवार की शाम अपना बयान देंगी।
उन्होंने कहा, “मैं जनता की भाषा बोलूंगी। 72 घंटे के बाद हमलोग सड़कों पर उतरेंगे और एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।” तृणमृूल प्रमुख ने कहा, “हमारी साख ही सब कुछ है। मैंने 72 घंटे का समय दिया है। मुझे इंतजार करना है। इसके बाद मैं कुछ राजनीतिक दलों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करूंगी।
इसके बाद मैं सोमवार की शाम में आपको जानकारी दूंगी।” ममता ने मोदी पर आरोप लगाया कि 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के विरोध की आवाज का गला घोंटने के लिए अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, यदि कोई विरोध करना चाहता है तो केंद्र अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल करता है लेकिन हमलोग किसी भी एजेंसी की परवाह नहीं करते। ममता बनर्जी ने बुधवार को नोटबंदी के दुख से जनता को राहत दिलवाने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। उनके साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, शिव सेना और नेशनल कांफ्रेंस के नेता भी शामिल हुए थे।
यह पूछने पर कि क्या अन्य पार्टियां भी उनके प्रस्तावित विरोध आंदोलन में शामिल होंगी? इसके जवाब में ममता ने की कि वह केवल तृणमूल के बारे में बोल सकती हैं। उन्होंने कहा, “अन्य राजनीतिक दल क्या करेंगे यह उन पर निर्भर है। मेरा मानना है कि हर किसी को विरोध करना चाहिए। मैं सभी विपक्षी दलों से मिलकर काम करने की अपील कर चुकी हूं।”
ममता ने मोदी सरकार को गरीब विरोधी और जन विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद विकास योजनाएं पैसे के अभाव में ठप पड़ गई हैं