नोटबंदी का असर, मोदी के घर मे भाजपा की करारी हार

देश में दिखने लगा है मोदी के राज्य गुजरात में भी भाजपा हारी, 31 में से 20 जिला पंचायतों में कांग्रेस जीती

केंद्र की मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला कितनी जल्दबाजी में लिया है इसका परिणाम अब महराष्ट्र के बाद गुजरात में देखने को मिला है। नोटबंदी के बाद देश के शहरी इलाकों की बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पीएम मोदी के फैसले से नाराज हैं।

गौरतलब है कि देश कि जतना नोटबंदी से परेशान है खासतौर पर ग्रामीण जनता और किसान भारी नुकसान और  परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात निकाय चुनाव के परिणाम शायद इसी ओर संकेत कर रहे हैं। गुजरात निकाय चुनाव में शहरी इलाकों में भाजपा अपनी साख बचाने में किसी तरह कामयाब हो गई है लेकिन ग्रामीण निवासियों ने भाजपा को करारा झटका दिया है।

सूबे में सभी छह महानगर पालिका में भाजपा ने सत्ता बरकरार रखी लेकिन ग्रामीण गुजरात का परिणाम उम्मीेद से उलटा रहा। यहां की जिला पंचायतों में पिछले दो दशक में कांग्रेस सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 31 में से 20 पर कब्जा जमाने में सफल रही।

भाजपा ने सभी छह महानगरपालिका में जीत दर्ज की है। साथ ही 56 में से 40 नगरपालिका भी भाजपा के हिस्से में आई है। लेकिन 31 जिला पंचायत में से कांग्रेस ने 20 पर कब्जा जमा लिया जबकि पहले उसके पास एक ही जिला पंचायत थी। 230 तहसील पंचायत में कांग्रेस ने 116 पर कब्जा किया जबकि भाजपा को 61 पर ही संतोष करना पड़ा। ऊंझा में भाजपा सभी 36 सीटों पर हार गई है।

शहरी गुजरात ने भाजपा को समर्थन दिया है लेकिन ग्रामीण गुजरात से उसका जनाधार कम होता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री आनंदी बेन व गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल के गृहनगर मेहसाणा में भाजपा की करारी हार हुई है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र रहे वडोदरा जिले में कांग्रेस ने भाजपा पर बढ़त बना ली। गांधीनगर व दूध क्रांति के लिए विख्यात आणंद में भी कांग्रेस कब्जा जमाने में सफल रही।