नोटबंदी के फैसले को नहीं किया जा सकता सार्वजनिक : आरबीआई

नई दिल्ली : सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगे जाने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने ये जानकारी सार्वजनिक किये जाने से इनकार किया है कि नोटबंदी का फैसला अचानक क्यों लिया गया| इसके अलावा पुराने नोटों की जगह, नये नोट लाने में कितना समय लगेगा ये बताने से भी रिजर्व बैंक ने इनकार किया है |

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने इस बारे में कहा,‘ इस मामले में जो जानकारी मांगी गई है वह किसी भी छूट की धारा के तहत नहीं आती|  उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून बहुत स्पष्ट है कि जब मांगी गयी जानकारी को सार्वजनिक किये जाने से इंकार किया जा जाता है तो ये बताना चाहिए कि उसे कानून की किस धारा के तहत छूट मिल रही है| इससे पहले निदेशक मंडल की नोटबंदी के संबंध में जो बैठक हुई थीं उनका ब्यौरा देने से भी इनकार किया गया था |

आरबीआई ने करीब 20 लाख करोड़ रुपए के करेंसी नोटों का चलन बंद करने का कारण बनाने से इनकार किया है | इस बारे में जानकारी देने से  इनकार करने में आरबीआई ने कानून की धारा 8 (1) ए का उल्लेख किया है | आरबीआई के मुताबिक़ यह सवाल ऐसी घटना की भावी तारीख के बारे में है जिसे आरटीआई कानून की धारा 2 (फ) के तहत सूचना के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है| रिजर्व बैंक ने यह नहीं बताया है कि इस तरह की जानकारी के बारे में छूट कानून की उक्त धारा के तहत कैसे मिलती है क्योंकि यह फैसला तो पहले ही किया जा चुका है|