नोटबंदी: सेकेंड हैंड कारों के कारोबार पर ग्रहण, नहीं मिल रहे खरीदार

आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी की घोषणा के बाद से पुरानी कारों के कारोबार पर ग्रहण सा लग गया है। पुरानी कारों को बेचने वालों की कमी नहीं है मगर उन्हें एक भी खरीदार नहीं मिल रहा है।

खरीदने की बात तो दूर पूछताछ के लिए भी लोग नहीं आ रहे हैं। गुरुग्राम के राजीव नगर, सेक्टर-14, पुरानी दिल्ली रोड, डीएलएफ फेज-3 व सिकंदरपुर सेकेंड हैंड कारों का हब है। यहीं पर 90 फीसदी से अधिक कारों का कारोबार होता है। यहां सन्नाटा छाया हुआ है। पुरानी कारों के कारोबार में 60 फीसदी तक की गिरावट है।

इन स्थानों से हर माह करीब 750 पुरानी कारें बिक जाती थीं। अब एक कार सेल करने में ही पसीना छूट जाता है। ग्राहक नहीं मिलने से पुरानी कारों की कीमत में करीब 20 फीसदी तक की गिरावट आ गई है।

गुरुग्राम के सेक्टर-5 में पुरानी कारों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कार मेले का आयोजन किया गया था। यहां हर मॉडल की कार मौजूद थीं, लेकिन यहां भी लोगों का रुझान नहीं दिखा। इन कारोबारियों का कहना है कि अगर ऐसे ही चला तो धंधा बंद करना पड़ेगा।

पुरानी दिल्ली रोड स्थित बालाजी कार सेल्स एवं परचेज के संचालक रिंकू पाहुजा का कहना है कि रक्षाबंधन के बाद काम धीमा हो जाता है मगर नवंबर से फिर तेजी आती है। इस नोटबंदी के कारण इस बार ऐसा नहीं हुआ।

काम के लिए रखे लड़कों को वेतन देना भी मुश्किल होता जा रहा है। सेक्टर 14 स्थित डायमंड कार सेल एंड परचेज के संचालक राजेन्द्र कुमार का कहना है कि सरकार के नोटबंदी का फैसला तो सही है मगर प्लानिंग के बगैर कर दिया गया। जब से नोटबंदी हुई है तब से सिर्फ एक ही पुरानी कार बेची है। वह भी काफी कम लाभ पर।