नोटबंदी ने बैंक कर्मचारियों को कड़ी मेहनत करने के लिए काफी हद तक मजबूर कर दिया था। इस बात में भी कोई शक नहीं है कि बैंक कर्मचारियों ने 24 घंटे मेहनत कर लोगों को राहत देने की पूरी कोशिश की। इस बीच देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है।
ऐसे में अब बैंक कर्मचारियों के संगठन नैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स ने नोटबंदी के बाद बैंककर्मियों की कड़ी मेहनत और काम के दबाव का हवाला देते हुए चुनाव आयोग और वित्त मंत्रालय से आगामी विधानसभा चुनावों में बैंक कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगाने की विनती की है।
बैन कर्मचारी का साथ देते हुए भारतीय मजदूर संघ से जुड़े बैंक कर्मचारी संगठन ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को लिखे खत में कहा है कि बैंक कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से अलग रखने की मांग की है।
भाषा की खबर के अनुसार, पत्र में कहा गया है, ‘बैंक कर्मचारियों ने नोटबंदी के दौरान पिछले 50 दिन 12 से 18 घंटे काम किया है। अभी भी बैंक कर्मचारी लंबित कार्य को निपटाने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
वह पुराने जमा नोटों का ब्योरा तैयार कर रहे हैं। उन्हें नोटबंदी और वित्तीय वर्ष की समाप्ति सहित कई और काम निपटाने हैं, इसलिये चुनाव में उनकी ड्यूटी नहीं लगाई जानी चाहिये।’
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि संगठन ने वित्त मंत्रलाय से भी इसी तरह का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, ‘यदि बैंककर्मी चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए तो बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा और कर्मचारी काम के भारी दबाव में आ जायेंगे।’ गौरतलब है कि 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का चलन खत्म करने की घोषणा के बाद बैंकों की शाखाओं पर पुराने नोट बदलवाने और जमा कराने वालों की लंबी कतारें लगती रहीं। बैंकों में पुराने नोट जमा कराने की मियाद 30 दिसंबर को पूरी हो गयी है।