नई दिल्ली 23 नवंबर:केंद्र सरकार पर बड़े नोटों के तंसीख़ पर ” जनता की परेशानी ” उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए वामपंथी की छह पार्टीयों ने फैसला किया कि एक हफ़्ता लंबे संयुक्त राष्ट्रव्यापी विरोध जनता की लगातार परेशानी को उजागर करने के लिए किया जाएगा। वामपंथी पार्टीयों ने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नोटों के तंसीख़ की विरोधी सभी विपक्षी पार्टीयों से विरोध में शामिल होने की अपील की गई है।
उन्होंने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह सवालों का जवाब देने से बचते हुए जो संसद के दोनों ऐवानों में सांसदों उठाए थे, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार संसद का अपमान की दोषी रही है और वामपंथी पार्टियां अपमान संकल्प पेश करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि 24 नवंबर से 30 नवंबर जनता को लामबंद करने की कोशिश की जाएगी। इस सवाल पर कि क्या विरोध में शामिल होने के कट्टर प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस को भी आमंत्रित किया गया है, जो नोटों की तंसीख़ की विरोधी है, येचुरी ने कहा कि इस वामपंथी पार्टियां का विरोध है। सरकार ने पर्याप्त तैयारी के बिना यह तय कर लिया है जो ग्रामीण भारत पूरी तरह से रुक गया है। बैंकों में लंबे कतारें देखी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला काले धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को वित्त काउंटर करने के उद्देश्य में असफल रहेगा।