नई दिल्ली: बीजेपी सरकार का कहना है कि देश में नोट बंदी से काले धन पर लगाम लगेगी. काले धन वालों की तो पता नहीं लेकिन इसके कार्यकाल में काले धन सफ़ेद जरुर हो जायेंगे. सरकार आम लोगों की तकलीफें नजरअंदाज कर तथा देश की गरीब जनता को लाइन में लगाकर अब चैन से सो रहे बेशुमार धन वालों को राहत देने के रास्ते खोज रही है.
नोटबंदी के बाद बैंकों में बड़े पैमाने पर अघोषित धन जमा कराने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार एक बार फिर से डिसक्लोजर स्कीम लॉन्च कर सकती है. यानि सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स ज्यादा देकर अधिक धन वाले लोग खुद को पाक साफ दिखा सकेंगे.
नेशनल दस्तक के अनुसार, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देशभर में अपने ऑफिस 30 सितंबर को मध्य रात्रि तक खुले रखने का निर्देश दिया था. इनकम डिसक्लोजर स्कीम की डेडलाइन 30 सितंबर तक थी. स्कीम के तहत कोई भी अपने अनडिसक्लोज्ड इनकम की घोषणा कर सकता है. 30 सितंबर तक ऐसा करके वह किसी भी तरह की कार्रवाई से बच जाएगा.
अब सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद सारा देश लाइन में लगा है. मजदूर वर्ग को खाने के लाले पड़े हैं. हर जगह कामकाज प्रभावित है. सरकार की तरफ से कहा गया कि कालाधन वाले लाइनों में लगे हैं और गरीब चैन की नींद सो रहा है. लेकिन इसका उल्टा ही हो रहा है. गरीब लाइन में है और अमीर को पता है कि सरकार उसका कालेधन को सफ़ेद करने का उपाय ढूंढने में लगी है. उन्हें पता है कि ये सरकार अमीर हितैसी है क्योंकि ये सरकार इन्हीं के बल पर तो चलती है.
केंद्र सरकार की ओर से यह योजना कैबिनेट की ओर से टैक्स कानूनों को मंजूर किए जाने के एक दिन बाद सामने आई है. बता दें कि देश भर में 8 नवंबर की रात से 1000 और 500 रुपये के नोट महज ‘कागज का टुकड़ा’ रह गए हैं. नोटबंदी के बाद आम जनता की तकलीफों को देखकर विपक्ष के साथ साथ आम जनता भी मोदी सरकार से खफा है.