पटना: आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रस्तुत बजट को पूरी तरह से ‘बोरिंग’ और निराशाजनक कहा है. उनहोंने कहा कि बजट में रेलवे का बंटाधार हो गया है, आम बजट में भी नारों के अलावा कुछ नहीं है.
आजतक के अनुसार, नीतीश ने कहा, ‘बजट भाषण काफी बोरिंग था और इसमें अर्थव्यवस्था को लेकर कोई नई उम्मीद नहीं दिख रही है. इस बजट से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में सिर्फ नारों की गूंज रहेगी’.
उल्लेखनीय है की नीतीश कुमार ने नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था, लेकिन अब नीतीश कुमार प्रधान मंत्री से जवाब मांग रहे हैं कि आम बजट में नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर असर के बारे में कोई जिक्र क्यों नहीं किया गया. बजट में इस का भी जिक्र नहीं किया गया कि नोटबंदी से आखिर कितना काला धन वापस आया.
उनहोंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को अपना वादा याद दिलाते हुए कहा कि बजट में इस मुद्दे पर कोई चर्चा तक नहीं है. बजट में बिहार की अनदेखी पर नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 1.65 लाख करोड़ का विशेष पैकेज के बारे में भी कोई जिक्र नहीं किया गया.
उनहोंने डिजिटल भुगतान पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में सौ फिसदी कैशलेस ट्रांजेक्शन संभव नहीं है. देश की आधारभूत संरचना जब तक इस लायक नहीं बन जाती है तब तक सौ फिसदी कैशलेस भुगतान करना इस देश में संभव नहीं है.
बता दें कि नोट बंदी पर समर्थन के बारे में उनहोंने कहा, ‘नोट बंदी पर मैंने सरकार का समर्थन किया था, इसलिए मुझे जवाब चाहिए. मैंने उम्मीद की थी कि वित्तमंत्री नोट बंदी से अर्थव्यवस्था पर हुए असर के बारे में जिक्र करेंगे और कितना काला धन बाहर आया इसके बारे में भी बताएंगे पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. बजट में इस बात का जिक्र भी नहीं था कि कितना नकली नोट वापस बैंकों में जमा कराया गया’.