प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ वस्तुत: बगावत करते हुए एक अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन में तीन अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों का नेतृत्व करने वाले उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर शीर्ष अदालत में करीब सात साल रहने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त होंगे.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, एमबी लोकुर और कुरियन जोसेफ के साथ मिलकर चेलामेश्वर ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की रहस्यमय मौत के संवेदनशील मामले सहित अन्य मामलों के चुनिंदा आवंटन पर सवाल उठाए थे. लोया की एक दिसंबर 2014 को मौत हो गई थी. बारह जनवरी को संवाददाता सम्मेलन की घटना उच्चतम न्यायालय के इतिहास में पहली बार हुई और इसने अदालत के गलियारे में हलचल मचा दी और पूरा देश आश्चर्यचकित रह गया. न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने कड़ी टिप्पणियों में कहा था, ‘‘कई चीजें पिछले कुछ महीनों में ऐसी हुई जो वांछित नहीं हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘जब तक इस संस्थान (उच्चतम न्यायालय) को संरक्षित नहीं किया जाता और जब तक यह अपना संतुलन नहीं बना सकता, इस देश में लोकतंत्र कायम नहीं रह जाएगा. अच्छे लोकतंत्र की पहचान<a निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायाधीश होते हैं.’’