पटना : स्वाभिमान रैली को लेकर दारुल हुकूमत की ट्रैफिक निजाम पूरी तरह से दरहम बरहम हो गई। रैली खत्म होने के बाद गाड़ियों की लंबी लाइन 10 किमी तक लगी रही। जीरो माइल से खगौल तक तकरीबन 12 किमी लंबा जाम लगा। दोनों लेन पर गाड़ियों की भीड़ रही। साथ ही बेली रोड से खगौल और शेरपुर, शाहपुर तक 10 से 12 किमी तक गाड़ियां सरकती रहीं। देर रात 1 बजे तक शहर की अंदरूनी सड़कों से तो गाड़ियां हट गईं, पर बाइपास जाम रहा।
एक साथ 20 से 25 हजार गाड़ियों के सड़क पर आ जाने से यह हालात पैदा हुई। मेन चौराहों पर सुबह से ही पुलिस फोर्स की तैनाती थी, पर वह भी मजूर दिखी। शहरियों को एक मुकाम से दूसरे मुकाम तक जाने के लिए पैदल सफर करनी पड़ी। सुबह आठ बजे से देर रात तक लोगों को शदीद जाम का सामना करना पड़ा। सुबह में पुलिस मुस्तैदी की वजह से पार्किंग से गांधी मैदान तक पहुंचना आसान रहा, लेकिन लौटते वक्त लोगों को चार से पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। गांधी सेतु, बख्तियारपुर, गया, नौबतपुर, शेरपुर, सिपारा समेत हर तरफ जाने वाले लोगों को जाम का सामना करना पड़ा।
ट्रैफिक पुलिस के एक अफसर ने बताया कि दारुल हुकूमत के तीन बड़े ग्राउंड जक्कनपुर, गेट पब्लिक लाइब्रेरी और वेटनरी ग्राउंड में गाड़ियों के लिए पार्किंग की इंतेजाम की गई थी। यहां लोगों को रोकने के लिए कल्चरल प्रोग्राम मुनक्कीद किए गए। रात से ही गाड़ियों का दारुल हुकूमत पहुंचना शुरू हो गया था। लोग गाड़ियों को सड़क के किनारे खड़ा कर ग्राउंड में दाखिल हो रहे थे। इसी वजह से सुबह से दारुल हुकूमत के तमाम चौराहे जाम से कराहने लगे।
रैली में गिरी, अस्पताल में मौत
रैली में शामिल एक खातून की ब्रेन हेमरेज से माैत भी हो गई। अस्पताल इंतेजामिया के मुताबिक उसे जितेंद्र नाम का सख्श उठा कर लाया था। उसे कितनी देर में अस्पताल पहुंचाया और उसके अहले खाना कौन हैं ? इसका पता देर रात तक नहीं चल पाया।