पटना हाइकोर्ट के 10 हजार वकील मंगल से गौर मूआईना हड़ताल पर जायेंगे। वे हाइकोर्ट तो आयेंगे, लेकिन न तो बहस करेंगे और न ही काम करेंगे। वकीलों की यह हड़ताल पटना हाइकोर्ट की तरफ से रुल में तर्मीम लाने के खिलाफ होने जा रही है। इसमें तर्मीम से वकीलों को केस फाइल करने में परेशानी हो रही है। उन्हें पेशकार और क्लर्क के पास जाना पड़ रहा है। उन्हें दरख्वास्त के हर पेज में दस्तखत करना पड़ रहा है। साथ ही कई तरह के दीगर दस्तावेज भी देने पड़ रहे हैं।
इसके खिलाफ पीर को हाइकोर्ट की समन्वय कमेटी की बैठक हुई, जिसमें मंगल से गैर मूआईना हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया। वकीलों ने कहा कि जो तर्मीम हुआ था, उसे लागू नहीं करने की दरख्वास्त किया गया था, ताकि वकीलों का बेइज्ज़त न हो। यह काम मुंशी का है, उसे वकील से न कराया जाये। इसके बावजूद इसे लागू किया गया। बैठक में कहा गया कि वकालत के लिए हुकूमत जमीन और रकम भी दे रही है, लेकिन हाइकोर्ट रहनुमाई नहीं कर रहा है।
अगर हाइकोर्ट इंतेजामिया इस रुल्स को वापस ले लेती है और कोई मसौदा तैयार हो जाता है, तो हड़ताल को वापस ले लिया जायेगा। बैठक में वकील कमेटी के सदर विनकेशरी कुमार, लॉयर एसोसिएशन के सदर उमाशंकर, लॉयर बार एसोसिएशन के सदर अभय कुमार सिंह, तीनों अदारों के जेनरल सेक्रेटरी सियाराम शाही, श्रीप्रकाश श्रीवास्तव समेत दीगर वकील मौजूद थे।